मानव अधिकारों के प्रति चलाए जाएंगे जागरूकता कार्यक्रम: मित्तल

punjabkesari.in Monday, Dec 12, 2022 - 07:15 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायधीश एस.के. मित्तल ने कहा कि हरियाणा मानव अधिकार आयोग एक सक्षम, जवाबदेह और आधिकारिक संस्था है, जो मानव अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है। मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आयोग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। पूर्व न्यायधीश एस.के. मित्तल ने यह बात हरियाणा मानव अधिकार आयोग के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रैस कॉन्फ्रैंस के दौरान कही। उनके साथ आयोग के सदस्य के.सी. पुरी और दीप भाटिया भी उपस्थित रहे।

 


उन्होंने कहा कि अक्तूबर 2012 से अक्तूबर 2022 तक आयोग के पास 23,192 शिकायते दर्ज की गई थी। अब तक 22,454 शिकायतों का निपटान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त आयोग के पास 2017 से 2022 तक आर.टी.आई. के कुल 1692 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 1689 आवेदनों की सूचना निर्धारित समय के भीतर प्रदान की गई।

 

 


सरकार को कैदियों के लिए पॉलिसी बनाने का सुझाव दिया
एस.के. मित्तल ने बताया कि हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने राज्य सरकार को सुझाव दिया था कि जेल में बंद कैदियों के लिए एक पॉलिसी बनाई जाए। राज्य सरकार ने एक पॉलिसी तैयार की थी, जिसके तहत न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में मुआवजा दिया जाता है। हिरासत में मौत के मामलों में आई शिकायत पर आयोग द्वारा की गई सिफारिश पर बनाई गई राज्य सरकार की नीति के अनुसार मुआवजा दिया जाता है। कैदियों के बीच झगड़े के कारण, जेल कर्मचारियों द्वारा यातना/पिटाई के कारण, अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कर्तव्य में लापरवाही के कारण में मृत्यु होने पर 7 लाख 50 हजार और चिकित्सा अधिकारियों/पैरा मैडीकल द्वारा लापरवाही के कारण मृत्यु होने पर 5 लाख का मुआवजा दिया जाता है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भी इस सुझाव को सही ठहराया और पूरे देश की विभिन्न राज्य सरकारों को यह पॉलिसी अपनाने के लिए कहा।
 

 

 

 

पीड़ितों को 1,83,37,100 रुपए का मुआवजा दिया
उन्होंने बताया कि आयोग ने 30 सितम्बर, 2022 तक विभिन्न केसों में पीड़ितों को 1,83,37,100 रुपए का मुआवजा दिया है। आयोग द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों की खबरों पर प्रतिदिन संज्ञान लिया जाता है और उस आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए भी दिए जाते हैं। मित्तल ने बताया कि चंडीगढ़ के अतिरिक्त गुरुग्राम में भी एक कैंप कोर्ट स्थापित की हुई है जिसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और मेवात जिले शामिल है। इस कोर्ट में महीने में दो बार केसों का निपटान किया जाता है।  आयोग समय-समय पर प्रदेश की जेलों का निरीक्षण करता रहता है। गुरुग्राम, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, रेवाड़ी, फरीदाबाद, झज्जर, नारनौल, पलवल, रोहतक, सोनीपत, सिरसा, हिसार, पानीपत और कैथल जेलों का दौरा किया है। उन्होंने बताया कि अगर आयोग के संज्ञान में कोई शिकायत आती है तो उस पर तुरंत कार्यवाही की जाती है। आयोग बाल देखभाल संस्थानों, वृद्धाश्रमों का भी निरीक्षण करता है। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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