शहर का सबसे बड़ा सोलर प्लांट शुरू, प्रशासक बदनौर ने किया उद्घाटन

Thursday, Sep 07, 2017 - 11:51 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ के सबसे बड़े सोलर प्लांट का उद्घाटन बुधवार को चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने किया। सैक्टर-39 के वाटर वर्क्स में चंडीगढ़ रिन्यूअबल एनर्जी साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) की ओर से यह प्लांट तैयार करवाया गया है। इस प्लांट से 2 मैगावॉट बिजली जनरेट की जाएगी। इतनी अधिक सोलर एनर्जी शहर के किसी भी अन्य प्रोजैक्ट से हासिल नहीं की जाती है। इस अवसर पर प्रशासक ने चंडीगढ़ को मॉडल सोलर सिटी के तौर पर डिवैल्प करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। 

 

उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि एम.एन.आर.ई. की ओर से 2022 तक दिए गए 50 मैगावॉट के टारगेट को चंडीगढ़ तय सीमा से पहले ही हासिल कर लेगा। उन्होंने वाटर वर्क्स में मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया। निगम के चीफ इंजीनियर एन.पी. शर्मा ने वाटर वर्क्स के एक्सपैंशन प्लान के बारे में जानकारी दी। सांसद किरण खेर ने कहा कि 2000 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। यह प्लांट ग्रिड टाइड रूफटॉप होगा। जिसे हीरो सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली ने तैयार किया है। प्रशासक के सलाहकार परिमल राय ने बताया कि इस प्लांट के साथ अब चंडीगढ़ ने 13.5 मैगावॉट सोलर पावर को अचीव कर लिया है। 

 

12.80 करोड़ आया खर्चा :
क्रेस्ट के सी.ई.ओ. संतोष कुमार ने बताया कि इस प्रोजैक्ट पर लगभग 12.80 करोड़ रुपए खर्चा आया है। जिसमें 10 साल का ऑपरेशन और मैंटिनेंस भी शामिल है। इस प्लांट से 2.60 एम.यू. सोलर एनर्जी हर साल जनरेट की जाएगी जो कि 1801 मैट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड कम करने के बराबर है। जिसका मतलब है कि हर साल 1.94 लाख पेड़ लगाना। क्लाइमेट चेंज एक्शन प्लान के तहत यह एक अहम प्रयास है। उन्होंने बताया कि शहर के अन्य वाटर वक्र्स में भी जल्द ही सोलर प्लांट लगाने का काम कंप्लीट कर लिया जाएगा।

 

डिवाइडर तोड़ रातों-रात बना दिया रास्ता :
प्रशासक और सांसद इस कार्यक्रम का हिस्से बनने पहुंचे थे। ऐसे में वाटर वक्र्स तक वी.वी.आई.पी. काफिले को जल्द पहुंचाने के लिए प्रशासन ने चंडीगढ़ से मोहाली की ओर जा रही सड़क के डिवाइडर से रास्ता निकालने का फैसला लिया। डिवाइडर तोडऩे का काम मंगलवार रात तेज कर दिया गया। बुधवार को इसी रास्ते से होते हुए प्रशासन और निगम के अधिकारियों का काफिला वाटर वक्र्स में गया। 

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