पंजाब यूनिवर्सिटी के मास्टर प्लान में फंसा पेंच, अधर में लटकी योजनाएं
punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 07:20 PM (IST)

चंडीगढ़,(अश्वनी कुमार): पंजाब यूनिवर्सिटी के सैक्टर-25 कैंपस का मास्टर प्लान अधर में लटक गया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने मास्टर प्लान पर कई तरह की आपत्तियां जताई हैं। इसके चलते यूनिवर्सिटी की कई अहम योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई हैं। चंडीगढ़ प्रशासन की सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि पंजाब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने पिछले कुछ सालों के दौरान सैक्टर-25 के हिस्से वाले कैंपस में बिना किसी विस्तृत मास्टर प्लान या शहरी डिजाइन पर विचार किए हुए टुकड़ों में निर्माण कार्यों की पहल की है। यहां मनमर्जी के हिसाब से जरूरत पड़ने पर छात्रावास, संस्थागत भवन, आवास, सभागार जैसी योजनाएं को शामिल किया गया है। ऐसे में प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की तरफ से तैयार मास्टर प्लान को सीधे मंजूरी नहीं देते हुए सुझाव दिया है कि यूनिवर्सिटी के जोनिंग प्लान पर दोबारा से काम किया जाए, ताकि यह कैंपस चंडीगढ़ के मास्टर प्लान-2031 में निर्धारित नेट जीरो कैंपस का लक्ष्य प्राप्त कर सके। बेशक यूनिवर्सिटी अथॉरिटी चंडीगढ़ प्रशासन की इस सलाह पर संजीदगी से काम कर रही है, लेकिन मास्टर प्लान की मंजूरी से इस अड़ंगे ने सैक्टर-25 की योजनाओं को अधर में लटका दिया है।
दूसरा स्टूडैंट सैंटर बनना है सैक्टर-25 कैंपस में
सैक्टर-25 कैंपस में सबसे ज्यादा चर्चित योजनाओं में पुराने स्टूडैंट सैंटर की तर्ज पर दूसरा स्टूडैंट सैंटर है। खास बात यह है कि यह स्टूडैंट सैंटर भी गोलकार शक्ल में सीढ़ियों वाला तीन या चार मंजिला होगा। पहले यह स्टूडैंट सैंटर हॉस्टल के साथ बनाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन अब मास्टर प्लान में आपत्तियों के कारण इसकी जगह बदली जा सकती है। बताया जा रहा है कि अब यह स्टूडैंट सैंटर स्कूल के साथ पड़ी खाली जगह पर बनाया जाएगा, जबकि सैक्टर-25 कॉलोनी के साथ सटी खाली जगह को प्ले ग्राऊंड के तौर पर विकसित किया जाएगा।
पहले सैक्टर-14 के मास्टर प्लान की तरह सैक्टर-25 के मास्टर को मंजूरी मिलने की थी उम्मीद
बेशक, मौजूदा समय में सैक्टर-25 का मास्टर प्लान अधर में लटक गया है, लेकिन पहले यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को उम्मीद थी कि सैक्टर-14 के साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन सैक्टर-25 के मास्टर प्लान को भी मंजूरी मिल जाएगी। सैक्टर-14 कैंपस का मास्टर प्लान 2020 में मंजूर कर दिया गया था। वहीं, सैक्टर-25 कैंपस के मास्टर प्लान पर कुछ आब्जैक्शन लगाई गई थी। इसी दौरान कोविड ने दस्तक दे दी, जिससे यह मामला फाइलों में उलझ गया। कोविड के बाद जब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने प्रशासन की तरफ से लगाई गई आब्जैक्शन को दूर कर मामला मंजूरी के लिए भेजा तो चंडीगढ़ के अर्बन प्लानिंग डिपार्टमैंट ने नई आब्जैक्शन लगा दीं। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश सुनाते हुए चंडीगढ़ के पहले 30 सैक्टर को हैरीटेज की श्रेणी में डाल दिया। लिहाजा सैक्टर-25 कैंपस का मास्टर प्लान भी हैरीटेज की श्रेणी में आ गया, जिसके चलते इस मामले को चंडीगढ़ हैरीटेज कंजर्वेशन कमेटी की सब कमेटी को भेज दिया गया। फरवरी, 2023 में हैरीटेज सब कमेटी की बैठक हुई तो पंजाब यूनिवर्सिटी के संबंधित आर्कीटैक्ट ने सब कमेटी के समक्ष प्रैजेंटेशन दी। सब कमेटी ने पाया कि सैक्टर-25 कैंपस में बिना किसी समग्र मास्टर प्लान या शहरी डिजाइन पर विचार किए हुए निर्माण कार्यों को टुकड़ों में पूरा किया गया है। इस पर सब कमेटी ने यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को मास्टर प्लान में कुछ फेरबदल के सुझाव दिए हैं।
अब यूनिवर्सिटी सब कमेटी के सुझाव पर अमल कर रही, 70 फीसदी हिस्सा होगा शैक्षणिक क्षेत्र
चंडीगढ़ हैरीटेज सब कमेटी के सुझावों पर अब पंजाब यूनिवर्सिटी सैक्टर-25 के कैंपस में नए निर्माण कार्यों में बदलाव कर रही है। इसके तहत सैक्टर-25 के कैंपस में 70 फीसदी हिस्से को शैक्षणिक क्षेत्र, 25 फीसदी हिस्से को आवासीय क्षेत्र और 5 फीसदी हिस्से को कमर्शियल यूज के तौर पर प्रयोग किया जाएगा। इसी कड़ी में पार्किंग व फुटपाथ के दायरे में विस्तार का भी प्रस्ताव है, जिसमें यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी की पार्किंग वाली जगह पर मल्टीस्टोरी पार्किंग का प्रस्ताव है। वहीं, फुटपाथ एरिया में तीन गुना बढ़ोतरी होगी यानी करीब 17 किलोमीटर फुटपाथ का निर्माण होगा। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने पुराने रैजीडेंशियल एरिया में भी जगह खाली करने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, फ्लोर एरिया रेश्यो बढ़ाने के लिए मल्टीस्टोरी रैजीडेंशियल बिल्डिंग का प्रस्ताव दिया है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मानें तो चंडीगढ़ प्रशासन ने जितने भी नॉर्म्स का सुझाव दिया है, उन्हें पूरा किया जा रहा है।
हरियाली वाले क्षेत्र में भी होगा इजाफा
हैरीटेज सब कमेटी के सुझाव पर यूनिवर्सिटी अथॉरिटी ने सैक्टर-25 कैंपस में हरियाली वाले क्षेत्र में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। कोशिश की जा रही है कि हरित क्षेत्र को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि सैक्टर-14 कैंपस और सैक्टर-25 कैम्पस में हरे-भरे स्थानों के बीच लिंकेज यानी जुड़ाव हो। वहीं, कैम्पस में शांति बनाए रखने पर विशेष ध्यान देते हुए पूरे कैम्पस में पैदल चलने वालों को बेहतर सुविधा मिले।