अमृतपाल की गिरफ्तारी पर बोले मुख्यमंत्री भगवंत मान, मुझे देर रात ही मिली जानकारी और मैं पूरी रात अफसरों के साथ संपर्क में रहा
punjabkesari.in Sunday, Apr 23, 2023 - 08:51 PM (IST)

चंडीगढ़,(अश्वनी): वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के पूरे ऑप्रेशन पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पल-पल नजर रखी। खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को पंजाब की जनता से रूबरू होकर इस बात का खुलासा किया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भगौड़े अमृतपाल सिंह को पकडऩे के लिए शनिवार शाम से चल रहे ऑप्रेशन के बारे जानते थे और शनिवार और रविवार की रात वह सोए भी नहीं क्योंकि वह अधिकारियों से हर 15 मिनट बाद जानकारी लेते थे। भगवंत मान ने कहा कि जब अमृतपाल ने पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को ढाल बना कर अजनाला थाने पर हमला किया था तो उन्होंने पुलिस को हिदायत की थी कि किसी भी सूरत में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी उनके लिए सर्वोच्च हैं, जिस कारण पुलिस ने पवित्र स्वरूप को लेकर जाने वाले वाहन को बनता सम्मान दिया और इसके निॢवघ्न यातायात की भी इजाजत दी थी।
मान ने कहा कि राज्य में अमन-शांति और भाईचारक सांझ को कायम रखने के लिए आम आदमी की सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। अमृतपाल सिंह पंजाब और देश विरोधी ताकतों की कठपुतली था, उसके खिलाफ कानून अपना काम कर रहा है और बेकसूरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
-18 मार्च को ही गिरफ्तार कर सकती थी पंजाब पुलिस
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार बीती 18 मार्च को ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर सकती थी परंतु वह कभी भी खून-खराबा नहीं होना देना चाहते थे। इसीलिए आज एक भी गोली चलाए बिना अलगाववादी नेता को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अमन-शांति, एकता और भाईचारक सांझ को भंग करने की गहरी साजिश थी परंतु राज्य सरकार ने ऐसे सभी लोगों को गिरफ्तार करके इस साजिश को बुरी तरह नाकाम कर दिया। भगवंत मान ने कहा कि अपने आपको धार्मिक नेता ऐलानने वाला अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया जो नौजवानों को हथियार उठाने और देश के विरुद्ध गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए उकसाने वाली संस्था चला रहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे अजनाला की घटना के दौरान कुछ पुलिस अधिकारी भी जख्मी हुए थे परंतु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सर्वोच्चता को यकीनी बनाया गया था। उन्होंने संकट की इस घड़ी में शांति और संयम बरतने के लिए राज्य के लोगों का तह-ए-दिल से धन्यवाद किया। भगवंत मान ने अमन-शांति और भाईचारक सांझ को कायम रखने के लिए इस मुश्किल घड़ी में राज्य सरकार के साथ डट कर खड़े होने के लिए लोगों के शुक्रगुजार होते हुए पंजाब को देश में शांतमयी, प्रगतिशील और खुशहाल राज्य के तौर पर उभारने के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता को दोहराया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य के नौजवानों को धर्म के नाम पर चलाई जा रही नफरत की फैक्टरियों का कच्चा माल नहीं बनने दिया जाएगा। मैं नौजवानों के हाथों में किताबें, लैपटाप, नौकरियां, मैडल और अहम पदों पर नियुक्ति देखना चाहता हूं परंतु यह नेता नौजवानों को हाथों में हथियार पकडऩे का न्यौता देकर उलटे रास्ते पर चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें यह भ्रम पाल रही हैं कि वह लोगों को साम्प्रदायिक रास्ते पर बांट सकतीं हैं परंतु ऐसा किसी भी कीमत पर संभव नहीं क्योंकि अमन पसंद पंजाबी ऐसी किसी भी कोशिश को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की धरती बहुत उपजाऊ है और इस पर नफरत और दुश्मनी के अलावा कुछ भी उग सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय आजादी संघर्ष, राज्य की सरहदों की रक्षा के साथ-साथ हरित और सफेद क्रांति के दौर की शुरूआत करके देश को अनाज उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाने में पंजाबियों के कीमती योगदान को भी याद किया। भगवंत मान ने कहा कि हाल ही में राज्य के 4 बहादुर जवानों ने जम्मू-कश्मीर में देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए अपनी जानें कुर्बान की हैं।