2 वर्षों में आई एक ही शिकायत को सुलझाने में विफल रहा रैगुलेटरी एक्ट

punjabkesari.in Monday, May 25, 2020 - 01:23 PM (IST)

चंडीगढ़ ( आकृति): शहर में प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस बढ़ौतरी को लेकर सभी अभिभावक परेशान हैं। इंसाफ के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के ऑर्डर के बाद चंडीगढ़ प्रशासन में फी रैगुलेटरी कमेटी का गठन हुआ।कमेटी के पास 12 महीने में सिर्फ एक ही शिकायत आई | 

 

वह भी यह कमेटी नहीं सुलझा पाई। यह जानकारी आर टी.आई. के तहत चंडीगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन केप्रैजीडैंट नितिन गोयल ने हासिल की।गोयल ने कह्य कि फी रैगुलेटरी एक्ट के मुताबिक कमेटी को 60 दिनों के अंदर शिकायत का फैसला करना होता है। लेकिन यह कमेटी एक साल पहले आई इकलौती शिकायत भी आज तक फैसला करने में विफल रही।

 

फीस में की बढ़ौतरी
एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन गोयल ने 13 मई 2019 को चितकारा स्कूल के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें फीस रैगुलेटरी कमेटी का खानापूर्ति की गई है। इस रवैये को देखते हुए यह साफ कहा जा सकता है। फीस रेगुलेटरी एट के नियमों की यहां धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बता दें कि 13 मई 2019 को को प्राइवेट स्कूल के खिलाफ की फीस बढ़ौतरी को लेकर पहली शिकायत मिली थी। वही अभिभावक ने शिकायत में लिखा था। 

 

स्कूल अपनी बैलेंस शीट अपलोड नहीं कर रहा है। फीस में लगातार बढ़ौतरी की जा रही है। 1 साल बीत गए कमेटी ने शिकायत के खिलाफ कोई एशन नहीं लिया। जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर 2018 को कमेटी का गठन हुआ था। फी रैगुलेटरी कमेटी को लेकर शहर के पेरैंट्स भी अवेयर नहीं है। ज्यादातर अभिभावकों को नहीं पता कि फीस को लेकर शिकायत फी रेगुलेटरी कमेटी में देनी होती है। लेकिन पेरेंट्स अभी तक फीस से संबंधित शिकायत को लेकर शिक्षा विभाग के पास जाते हैं। 


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pooja verma

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