रैपिड एंटीबॉडी टैस्ट के लिए पीजीआई डॉक्टर्स ने हाथ किए खड़े

punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2020 - 04:26 PM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : इंडियन कौंसिल ऑफ मैडिकल रिसर्च द्वारा चंडीगढ़ में कोरोना टैस्ट के लिए भेजी गई 5000 चाइनीज रैपिड एंटीबॉडीज टैस्टिंग किट्स को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। चार दिन से पी.जी.आई. के डॉक्टर चाइनीज किट्स के खिलाफ विरोध जता रहे हैं क्योंकि वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन पहले टैस्टिंग को लेकर स्पष्ट कर चुका है कि यह टैस्ट सिर्फ एंटीबॉडी को पकड़ सकता है, कोरोना की पहचान के लिए या टैस्टिंग प्रामाणिक नहीं है। 

सिर्फ इतना ही नहीं चाइनीज एंटीबॉडी टैस्टिंग किट्स लंदन में भी फेल हो चुकी है। एंटीबॉडी टैस्ट की रिपोर्ट कोरोना के पेशेंट्स पर अधिकतर नेगेटिव रिपोर्ट आती है क्योंकि संक्रमित के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज 7 दिन के बाद बनती हैं, उससे पहले टैस्ट किया जाए तो रिपोर्ट नेगेटिव ही आएगी।

जबकि रीयल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन स्क्रीनिंग कोरोना के आर.एन.ए. को पकड़ती है और सिर्फ यही टैस्ट सटीक परिणाम दे सकता है। एंटीबॉडी टैस्टिंग जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है ताकि ज्यादा से ज्यादा टैस्ट हो सके। 

प्रशासन ने लगाई रोक :
प्रशासक के एडवाइजर मनोज परिदा ने बताया कि केंद्र की ओर से मिली हिदायतों के अनुसार फिलहाल करोना के खिलाफ जो रैपिड टैस्टिंग की जा रही है, उस पर रोक लगाए जाने को कहा गया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि जब तक मामले में उनकी ओर से अगला स्पष्टीकरण नहीं मिलता, तब तक रैपिड टैस्टिंग बंद रखी जाए।    


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Priyanka rana

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