‘नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत महिलाओं व बच्चों को मिले पौष्टिक आहार’

punjabkesari.in Saturday, Jun 09, 2018 - 02:06 PM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : गरीब महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य हालात पर चिंता प्रकट करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली को निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि कानून के जनादेश महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया करवाए। यह एक्ट भारी सबसिडी रेट पर योग्य लाभार्थियों को अनाज प्राप्त करने एवं महिलाओं और बच्चों को मुफ्त भोजन का भी कानूनी अधिकार देता है।

हाईकोर्ट ने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के डिप्टी कमिश्नर्स समेत दोनों राज्यों के नोडल अफसरों, केंद्र के सीनियर स्टैंडिंग काऊंसिल व मामले में एमिकस क्यूरी के साथ इस मुद्दे पर मीटिंग करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि मीटिंग का मकसद एक्ट के तहत निजी संस्थाओं को भी साथ जोड़ महिलाओं व बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया करवाने के तरीकों पर विचार करना हो। 

बैंच ने जरूरतमंदों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के मुद्दे पर पाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6 घर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बनाए गए जो पंचकूला के भरेली गांव में हैं, जिनकी लागत 4.52 लाख रुपए आई। इसी प्रकार मगनरेगा स्कीम के तहत मोरनी व पिंजौर के गांवों में भी कदम उठाए गए। मामले में पंचकूला के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर मुकुल कुमार द्वारा स्टेटस रिपोर्ट पेश की जिसमें बरवाला के सैल्फ हैल्प ग्रुप्स द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी थी। 

रिपोर्ट में बताया गया कि 134 रजिस्टर्ड लोगों में से 55 को मगनरेगा स्कीम के तहत नौकरी दी गई। 45 महिलाओं को नौकरी दी गई एवं 277 दिनों में 1.06 लाख रुपए प्रदान किए गए। गौरतलब है कि हाईकोर्ट जस्टिस ऋतु बाहरी ने महिलाओं की खराब स्थिति पर स्वयं संज्ञान लेकर वर्ष 2016 में यह केस शुरू किया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News