दूसरों के लिए जीकर अमर हो गईं इस नर्स को राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

punjabkesari.in Friday, May 04, 2018 - 10:38 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): इंसान की फितरत है कि वो सिर्फ अपने लिए जीता है लेकिन वे सिर्फ दूसरों के लिए जीकर अमर हो गईं। आधुनिक नर्सिंग की जनक मानी जाने वाली फ्लोरैंस नाइटिंगेल का सम्मान इस बार जी.एम.एस.एच.-16 की नर्स रविंद्र गिल को मिलेगा। 

 

यह तीसरा मौका है जब फ्लोरैंस नाइटिंगल का सम्मान इसी अस्पताल की सिस्टर रविंद्र गिल को दिया जा रहा है। बता दें कि 12 मई को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा यह सम्मान दिया जाएगा। 

 

गिल ने बताया कि यह सम्मान नर्सिंग फील्ड के लिए यह बहुत बड़ा सम्मान है। मेरा नाम हैल्थ डिपार्टमैंट ने भेजा है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि इस अवॉर्ड के लिए सिलैक्शन होगा। 

 

बेसिक चीजें कभी न भूलें
फ्रांसिस न्यूटन हॉस्पिटल फिरोजपुर से नर्सिंग में ट्रेनिंग लेने के बाद रविंद्र गिल ने 1989 में जी.एम.सी.एच.-16 में बतौर स्टाफ नर्स ज्वाइन किया था। साल 2003 से ऑपरेशन थिएटर की इंचार्ज के तौर पर कार्यरत हूं। मैडीकल फील्ड में रोज नए इनोवेशन होते हैं। 

 

इसी तरह पहले वक्त के मुकाबले नर्सिंग में भी चीजे आज काफी एडवांस हो गई हैं। आज के युवा जो इस फील्ड प्रोफैशन में आते हैं तो मेरी उनकों यही सलाह है कि ट्रैनिंग और बेसिक चीजों पर फोकस जरूर करे। पेशेंट को किस तरह पकडऩा या कॉम्ब करना है, यह बेसिक स्टेप भी युवाओं को सिखाने चाहिए। 

 

आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोंरैंस नाइटिंगेल
आधुनिक नर्सिंग की जनक मानी जाने वाले फ्लोंरैंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को हुआ था। अपने घरवालों के खिलाफ जाकर इस प्रोफैशन को अपनाया था। क्योंकि उन दिनों में अच्छे परिवारों की महिलाएं नर्स नहीं बनती थी। 

 

नर्सिंग क्षेत्र से जुडऩे वाली नई सिस्टर सबसे पहले मरीजों की सेवा से जुड़ी ‘द नाइटिंगल’ प्लेज लेती हैं, जो फ्लोरैंस के नाम पर है। हर साल भारत में राष्ट्रपति शानदार काम करने वाली नर्सों को नैशनल फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड से सम्मानित करते हैं।


 


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