नीदरलैंड की मल्टीनैशनल कंपनी के कैटल फीड प्लांट का नींव पत्थर रखेंगे मुख्यमंत्री भगवंत मान
punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2023 - 07:21 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमनजीत): राज्य में औद्योगिक विकास को और अधिक बढ़ावा देने के लिए किंग्डम ऑफ नीदरलैंडस (हॉलैंड) आधारित कंपनी 142 करोड़ रुपए की लागत से कैटल फीड प्लांट स्थापित कर रही है। प्लांट का नींव पत्थर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान रविवार 1 अक्तूबर को रखेंगे।
इस संबंधी फैसला मुख्यमंत्री की नीदरलैंडस की राजदूत मैरीसा जेरार्ड्स के साथ हुई मीटिंग के दौरान लिया गया, जिन्होंने यहां मुख्यमंत्री के साथ उनके आवास पर मुलाकात की। विचार-विमर्श के दौरान भगवंत सिंह मान ने पंजाब को निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बताते हुए राजदूत को अवगत करवाया कि राज्य में उद्योगपतियों के कल्याण के लिए समॢपत सिंगल विंडो प्रणाली लागू करने वाली औद्योगिक समर्थक सरकार है। उन्होंने कहा कि पंजाब नए अवसरों की धरती है और विश्व भर की प्रमुख कंपनियां राज्य में निवेश करने के लिए तैयार हैं।
औद्योगिक केंद्र के तौर पर तेजी से उभर रहा पंजाब
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीदरलैंड के उद्यमियों को भी पंजाब में निवेश करके बहुत फायदा होगा, जो देश के औद्योगिक केंद्र के तौर पर तेजी से उभर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में आपसी-भाईचारे, औद्योगिक शांति और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल माहौल है, जो उद्योग के सर्वांगीण विकास, खुशहाली और तरक्की को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने हॉलैंड के राजदूत को कहा कि वह अपने उद्योगपतियों को पंजाब में अपनी कंपनियों के कारोबार को फैलाने के लिए शानदार बुनियादी ढांचे, बिजली, कुशल मानव संसाधनों और बेहतरीन औद्योगिक और कामकाज सभ्याचार से भरपूर अनुकूल माहौल का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करें। इस दौरान नीदरलैंड के राजदूत मैरिसा जेरार्ड्स ने सी.एम. भगवंत सिंह मान को बताया कि हॉलैंड के अग्रणी उद्योगपति घराने की कंपनी डी ह्यूज द्वारा पशु आहार बनाने व पशुपालन में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अपना प्लांट लगाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने मुख्यमंत्री को राजपुरा में 138 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले कैटल फीड प्लांट का नींव पत्थर रखने का न्यौता दिया। इस न्यौते को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह प्लांट राज्य के औद्योगिक विकास को बहुत अधिक बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि रंगला पंजाब बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पंजाब में अपनी मौजूदगी बढ़ाएगी कंपनी
वहीं, कंपनी के बिजनैस ग्रुप डायरैक्टर (प्रीमिक्स एंड स्पैशिएलिटीज) एवं भारत में कंपनी डायरैक्टर रुटजर ओढ़ेजेंस, भारत में जनरल डायरैक्टर तनवीर मलिक और कमॢशयल डायरैक्टर अमित मिट्टन ने अपने निवेश का ऐलान करते हुए कहा कि विश्व स्तर पर अग्रणी उनकी पशु आहार कंपनी दूध, अंडे, मछली एवं मांस के उत्पादन से जुड़े किसानों के प्रदर्शन व उत्पादन को बेहतर बनाने में कई तरीकों से मदद करती है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान बेहतर आय के लिए फसली विविधता के अलावा बागवानी, पशुपालन, मछली पालन जैसे प्रोफैशन की तरफ अग्रसर होने के नए आयाम ढूंढ रहे हैं। ऐसे किसानों के लिए नीदरलैंड्स की सौ बरस से भी पुरानी व तुजुर्बेकार कंपनी पंजाब में अपनी मौजूदगी बढ़ाने वाली है। उन्होंने बताया कि राजपुरा में स्थापित किया जाने वाला प्लांट दिसम्बर 2024 तक अपना काम शुरू कर देगा और यहां पर शुरूआती दौर में 180 मीट्रिक टन पशु आहार का उत्पादन होगा, जिसकी क्षमता 250 मीट्रिक टन तक बढ़ाई जा सकेगी।
ज्यादातर कच्चा माल यहीं के किसानों से खरीदेंगे
उन्होंने कहा कि पशु आहार तैयार करने के लिए वह ज्यादातर कच्चा माल यहीं के किसानों से खरीदेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि प्लांट में शुरूआती तौर पर 200-300 लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि असीधे तौर पर यह संख्या 1000 तक पहुंचेगी। एक संदेश के जरिए डी ह्यूस के एशिया डिवीजन के सी.ई.ओ. गेबोर फ्लुइट ने कहा कि कंपनी के विश्व के 20 देशों में 60 उत्पादन स्थल हैं। डी ह्यूस के उत्पाद यूरोप, एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका एवं लैटिन अमेरिका के 50 देशों में निर्यात किए जाते हैं। पंजाब और हरियाणा पर ध्यान केंद्रित करते हुए रुटजर ओढ़ेजेंस ने बताया कि कंपनी ने 6 वर्ष तक इस क्षेत्र में अपना सर्वे किया है। इन राज्यों में पशुपालन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने की आपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि ‘जहां पंजाब 3000 व्यावसायिक डेयरी फार्मों के साथ भारत का मुख्य डेयरी क्षेत्र है, वहीं, हरियाणा आसपास के राज्यों में ब्रॉयलर और अंडे निर्यात करने वाला एक प्रमुख पोल्ट्री क्षेत्र है। दोनों राज्य पशु आहार के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल से समृद्ध हैं।