बुडै़ल जेल में दो कैदियों के पास मिला मोबाइल, डिजिटल घड़ी
punjabkesari.in Tuesday, Feb 01, 2022 - 08:41 PM (IST)

चंडीगढ़, (सुशील राज): बुडै़ल जेल में दो सजायाफ्ता कैदियों की बैरक में मोबाइल फोन डिजिटल घड़ी, बैटरी समेत अन्य सामान मिलने से हड़कंप मच गया। बैरक नंबर आठ में बंद कैदियों के पास जेल स्टाफ को रविवार दोपहर हुई चैकिंग के दौरान मिला है।
कैदी बुडै़ल निवासी दीपक उर्फ दीप और फैदां गांव निवासी राजिंदर सिंह ने मोबाइल फोन समेत अन्य सामान बैरक में बने यूरिन पोट के पीछे छिपा रखे थे। दोनों कैदियों के पास एक मोबाइल फोन, सिम, डिजिटल घड़ी, दो मैमोरी कार्ड, ब्लूटूथ, तीन सैमसंग मोबाइल की बैटरी और एक डाटा केबल बरामद हुई है। जेल सुपरिंटैंडैंट अमनदीप सिंह ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। सैक्टर-49 थाना पुलिस ने कैदी दीपक और राजिंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
जेल स्टाफ बैरकों में रखे सामान की कर रहे थे चैकिंग
बुड़ैल जेल सुपरिंटैंडैंट अमनदीप सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि रविवार को जेल स्टाफ बैरकों में रखे सामान की चैकिंग कर रहे थे। जेल वार्डन हरनाम सिंह बैरक नंबर आठ में पहुंचकर सजायाफ्ता कैदी दीपक की चैकिंग करने लगे तो उसकी पेंट से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। वार्डन ने जब कैदी राजिंदर की तलाशी ली तो उसके पास डाटा केबल, ब्लूटूथ और तीन सैमसंग कम्पनी के मोबाइल फोन की बैटरी बरामद हुई।
राजिंदर की निशानदेही पर स्टाफ ने बैरक के अंदर यूरिन पोट के पीछे से डिजिटल घड़ी, दो मेमोरी कार्ड बरामद हुआ। जेल स्टाफ ने दोनों कैदी राजिंदर और दीपक से मोबाइल और अन्य सामान के बारे में पता किया तो उन्होंने कुछ नहीं बताया। जांच में सामने आया कि दोनों ही कैदी जेल के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल अपने जानकारों को फोन करने के लिए करते थे। जेल सुपरिंटैंडैंटअमनदीप सिंह ने मोबाइल फोन समेत अन्य सामान को जब्त कर मामले की शिकायत पुलिस को दी। सैक्टर-49 थाना पुलिस ने जेल सुपरिंटैंडैंट अमनदीप सिंह की शिकायत पर कैदी दीपक और राजिंदर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
आखिर जेल में कैसे पहुंच गए मोबाइल फोन और अन्य सामान
बुड़ैल जेल में इतनी सख्ती के बावजूद कैदियों की बैरक में मोबाइल फोन समेत अन्य इलैक्ट्रिॉनिक सामान पहुंचने से सुरक्षा जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जेल में हर कैदी को चैकिंग के बिना अंदर नहीं जाने दिया जाता। इसी तरह जेल के अंदर जाने वाला हर सामान की चैकिंग होती है, लेकिन इसके बावजूद मोबाइल बैरक से मिलने से जांच में लापरवाही सामने आ रही है।