मनीमाजरा श्मशानघाट को शिफ्ट नहीं होने देगा निगम

punjabkesari.in Thursday, May 11, 2017 - 09:06 AM (IST)

चंडीगढ़ (राय): प्रशासन द्वारा मनीमाजरा में स्थित श्मशानघाट को शिफ्ट करने का निगम विरोध करेगा। इसके लिए पार्षद प्रशासक के पास जाएंगे व अनुरोध करेंगे कि लोगों की सुविधा को देखते हुए उक्त शमशानघाट का विस्तार कर इसे नियमित किया जाए। पूर्व महापौर अरुण सूद ने मनीमाजरा के लोगों को आश्वासन दिया था कि वहां के शमशानघाट को नियमित किया जाएगा पर आज तक लोग इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। आज भी उनका कहना था कि वहां गैर-सरकारी संस्थाओं ने शमशानघाट की दशा में सुधार किया है। वह निगम पार्षदों के साथ चंडीगढ़ के प्रशासक से मिलेंगे व अनुरोध करेंगे कि मनीमाजरा के श्मशानघाट को नियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में यहां डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए है। इस शमशान घाट के हाईवे के समीप होने के चलते प्रशासन ने उसे यहां से शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। 

 

यह निर्णय वर्ष 2013, 2015 में भी लिया गया था पर उचित स्थान न मिलने के कारण इसे शिफ्ट नहीं किया जा सका। सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने इसके लिए किशनगढ़ के समीप किसी खाली स्थल का चयन किया है। गत वर्ष निगम सदन में मनीमाजरा में स्थित श्मशानघाट को नियमित करने व औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 स्थित इलैक्ट्रिक शवदाह गृह बंद करने पर विचार करना आरंभ किया था। सदन की बैठक में शहर के सभी शमशानघाटों की स्थित सुधारने पर चर्चा करते हुए पूर्व मेयर ने सदन को बताया था कि निगम सभी श्मशानघाटों की हालत सुधारने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है पर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस योजना पर कोई कार्य नहीं हुआ। पिछले दिनों मेयर आशा जसवाल ने भी सैक्टर-25 के श्मशानघाट का दौरा किया व वह भी निर्देश देकर चली आई।

 

आश्वासन पर निर्णय नहीं
मनीमाजरा का शवदाह गृह अवैध रूप से कई वर्षों से चल रहा है पर वहां प्रतिमाह औसतन 200 शवों का संस्कार किया जा रहा है जबकि गत 4 वर्षों से औद्योगिक क्षेत्र के इलैक्ट्रिक शवदाह गृह में एक भी संस्कार नहीं किया गया है। इसे नियमित करने के लिए सदन में एजैंडा लाने का भी आश्वासन भाजपा नेताओं द्वारा दिया गया था पर आज तक उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। बताया जाता है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने मनीमाजरा के उत्तर-पश्चिम में एक नए शमशान भूमि का निर्माण करने का निर्णय लिया है। मनीमाजरा में लोगों ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य वास्तुकार ने वर्ष 1999 में मनीमाजरा के विकास का ढांचा तैयार करते समय आबादी से दूर किशनगढ़ मार्ग पर 17 एकड़ भूमि श्मशानघाट के लिए चिन्हित की थी। यहां श्मशानघाट को मुख्य मार्ग से हटाकर वहां स्थापित किया जाना था। लोगों ने बताया कि उक्त भूमि पर तो आज अवैध कब्जे हैं व किशनगढ़ की आबादी भी वहां तक फैल चुकी है। 

 

माता मनसा देवी मार्ग पर भूमि चिन्हित की थी 
वर्ष 2009 में निगम ने इंदिरा कालोनी के पास स्थित माता मनसा देवी मार्ग पर भी श्मशानघाट के लिए भूमि चिन्हित की थी। यहां प्रशासन के भू-अधिग्रहण अधिकारी ने तत्कालीन महापौर को पत्र लिखकर सूचित भी किया था कि उक्त सड़क पर लगभग 10 कनाल का एक क्षेत्र प्रस्तावित श्मशान भूमि के लिए अधिग्रहण से मुक्त कर दिया गया है पर आज तक उस भूमि पर भी श्मशान घाट को नहीं स्थापित किया जा सका। निगम के भू-रिकार्ड के अनुसार मनीमाजरा में जिस मुख्य सड़क पर श्मशानघाट स्थापित है उस स्थल को खेल परिसर और एक कालेज के लिए अधिग्रहीत किया गया था। निगम अधिकारियों का मानना है कि मनीमाजरा शमशान भूमि सड़क किनारे है व बहुत करीब है इसलिए लोग उसे अधिक सुविधाजनक मानते हैं। पंचकूला के सैक्टर-20 में एक श्मशान भूमि है जो सुविधाजनक नहीं है। इस संबंध में मेयर का कहना था कि शीघ्र ही मनीमाजरा के श्मशानघाट के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उनका कहना था कि वह पहले ही अधिकारियों को इस पर विचार करने के लिए कह चुके हैं।


 


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