शहर की डिजाइनर्स ने लंदन फैशन वीक में पेश की अपनी क्लैक्शन, तीनों ने वापिस लौट की जर्नी शेयर

punjabkesari.in Saturday, Nov 25, 2017 - 12:24 PM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : भले ही वैस्टर्न कल्चर को इंडिया में काफी फॉलो किया जाता हो लेकिन जब बात इंडियन कल्चर की आती है तो विदेशी भी इसके कायल हो जाते हैं। पंजाब का दबका वर्क, धागे का काम हो या स्टोन वर्क इनको न सिर्फ इंडिया में पंसद किया जाता है, बल्कि लंदन के लोग भी इस काम को काफी पंसद करते हैं। हाल ही में लंदन फैशन वीक में शहर के तीन डिजाइनर्स अपनी यही क्रिएटिविटी दिखा कर लौटे हैं। 

 

इन इंडियन डिजाइनर्स को डिजाइंस को कितना पसंद किया गया है इसका अंदाजा इस बात से साफ लगाया जा सकता है कि तीनों डिजाइनर्स के काम को वॉग मैग्जीन में जगह दी गई है। मशहूर फैशन डिजाइनर व एक्ट्रैस नीना गुप्ता की बेटी मसाबा गुप्ता और एक दशक से बॉलीवुड सैलेब्स को अपने स्टाइल से स्टाइलिश बना रहे रॉकी एस.के. साथ यह तीनों डिजाइनर्स स्टेज शेयर करके वापिस लौटे हैं। 

 

6 महीने पहले देश भर से लंदन फैशन वीक से यंग फैशन डिजाइनर्स की एंट्रीज भेजी गई थी जिसमें से चंडीगढ़ से तीन डिजाइनर्स को सिलैक्ट किया गया। यह तीसरा मौका है जब आईनिफ्ड से चुने गए डिजाइनर्स को इंटरनैशनल लैवल पर अपना काम दिखाने का मौका मिला है। 

 

वहीं इन तीनों डिजाइनर्स को फैशन वीक के बाद लंदन स्कूल ट्रैंडर्स में एक महीना ट्रेनिंग का भी मिला, जहां उन्होंने इस दौरान इंटरनैशनल फैशन को करीब से देखा व सीखा। हाल ही में तीनों डिजाइनर्स वापस लौटी हैं जिन्होंने चंडीगढ़ टू लंदन की अपनी जर्नी शेयर की।     

 

पॉकेट हर ड्रैस की जान :
हर लड़की अपने साथ पर्स कैरी नहीं करना चाहती लेकिन लड़कियों की ज्यादातर ड्रैसेज में पॉकेट नहीं होती। एक फोन और पैसों के लिए मजबूरी में पर्स रखना पड़ता है लेकिन साक्षी के डिजाइंस में पॉकेट उनकी हर ड्रैस की जान है। 

 

15 से 19 सिंतबर के बीच फैशन वीक हुआ था जिसमें से एक दिन इंडिया डे सैलिब्रेट किया गया। साक्षी भल्ला तीनों डिजाइनर्स में एकलौती थी जिनको न सिर्फ शो को ओपन करने का मौका मिला बल्कि उनके शो की शो स्टॉपर मसाबा गुप्ता रही। इंडीव्यूजवल क्लैक्शन का मौका सिर्फ साक्षी को मिला। 

 

स्लेन डेनिम पर भी रंगों का इस्तेमाल साक्षी के डिजाइन्स को खास बना रहा है। लोगों को लगता है कि रैंप पर जो ड्रैस मॉड्ल्स पहनती हैं, डैली लाइफ में उन कपड़ों को नहीं पहना जा सकता है लेकिन साक्षी के डिजाइन्स देखने के बाद लोगों की यह सोच बदल जाएगी।  खुद साक्षी मानती है कि लंदन का एक्सीपिरियंस उनके करियर में काफी काम आएगा। 

 

मां का सपना करना था पूरा :
मैडीकल की स्टडी, हरियाणा के लोगों की सोच, एक लड़की और कुछ बदलना था तथा अपनी मां का सपना पूरा करना था। ट्रम्फ ऑफ द स्पिरिट एक काऊबॉय लड़की कितनी रफ एंड टफ होती है उसके लुक को देखकर हर कोई उसका कॉफिडैंस देख सकता है। इसी कांफिडैंस को शोभना ने अपनी क्लैकशन में दिखाया है। 

 

हरियाणा की रहने वाली शोभना अपना नहीं बल्कि अपनी मां का सपना पूरा कर रही है। शोभना ने बताया कि भले ही हम इंडिया में वैस्टर्न ब्रांड को तवज्जों देते हैं लेकिन विदेशों में भारतीय या यूं कहे कि मैड इन इंडिया के ब्रांड आप हर कही देख सकते हैं। इंडियन फैब्रिक को विदेशों में काफी पंसद किया जाता है। शोभना ने स्टूडैंट कटैगरी में 5 ड्रैसिज को शो केस किया है।

 

फैशन से प्यार ले गया लंदन तक :
लाल किले से लंदन की लाल बसों का सफर तय करने वाली पूजा बी.टैक. से हैं, लेकिन फैशन से प्यार उन्हें लंदन तक ले गया। पूजा उन लोगों के लिए उदाहरण है जो अपने सपनों को किसी भी कीमत पाना चाहते हैं। पूजा ने भी स्टूडैंट्स कैटगरी में 5 लुक्स को शो केस किया है। भारतीय परिधानों में गोल्डन (ब्रॉकेट) वर्क को धागे के साथ किया जाता है जिसे अक्सर रॉयल या यूं कहे कि राजा महाराजा के कपड़ों पर देखा जाता है। मिक्स एंड मैच के कॉम्बिनेशन के साथ पूजा ने ब्रॉकेट के काम को बखूबी दिखाया है। 6 महीने में पूजा ने अपना क्लैक्शन तैयार किया था।


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