खर्च और टैंशन होगी कम, रोबोट करेगा नी ट्रांसप्लांट

punjabkesari.in Sunday, Oct 09, 2016 - 09:34 AM (IST)

चंडीगढ़, (रवि पाल): अब भारत में भी घुटने के प्रत्यारोपण की अत्याधुनिक तकनीकें आ चुकी हैं, जिनके प्रयोग से पहले की तरह पूरा घुटना नहीं बदलना पड़ेगा, बल्कि डाक्टर सिर्फ घुटने का वही हिस्सा बदल सकेंगे जो खराब हुआ है। ये कहना है डा. मनुज वधवा का, जो एलीइट आर्थोप्लास्टी कांग्रेस में आए प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे, जिसमें भारत के अलावा कई देशों के विशेषज्ञ डाक्टर हिस्सा ले रहे हैं। डा. मनुज ने बताया कि अब घुटने के प्रत्यारोपण में ऐसी तकनीक आ चुकी है जिसमें मरीज का पूरा घुटना बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि रोबोट की मदद से डाक्टर घुटने के सिर्फ उसी हिस्से को बदल सकेंगे जो खराब हुआ है।

भारतीय मरीजों के हिसाब से डिजाइन किए कृत्रिम घुटने :
डा. मनुज ने बताया नई तकनीक में जिन कृत्रिम घुटनों का प्रयोग किया जाएगा वो भारतीय मरीजों के आकार के हिसाब से बनाए गए हैं। इनसे मरीज को ज्यादा से ज्यादा एक्यूरेसी मिलेगी। उन्होंने कहा पुरानी तकनीक में ये घुटने अमरीकन माप के होते थे जिनके मरीजों को कभी-कभी परेशानी होती है।

नीदरलैंड्स के डाक्टर ने किया ऑप्रेशन, दिखाया लाइव :
एलीइट आर्थोप्लास्टी कांग्रेस में लांच की गई प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए नीदरलैंड्स के डिजाइनर सर्जन डा. डेनियल सारिस ने मोहाली के मैक्स हॉस्पिटल में एक मरीज का ऑप्रेशन किया। आप्रेशन चंडीगढ़ में देश-विदेश आए डाक्टरों ने बड़ी स्क्रीन पर लाइव देखा। डा. सारिस ने बताया कि ‘नया इम्पलांट चलने और मुडऩे में अधिक लचक प्रदान करेगा, क्योंकि इसकी मदद से पैर को 155 डिग्री तक मोड़ा जा सकता है। इससे मरीजों को चलने-फिरने में सुविधा होगी। डा. सारिस घुटना प्रत्यारोपण विशेषज्ञ हैं और इस सिस्टम के डिजाइनर सर्जन हैं। डाक्टर सारिस के अलावा दो और डाक्टरों ने लाइव ट्रांसप्लांट सर्जरियां कर प्रतिनिधियों को प्रैजैंटेशन दी। रविवार को रोबोट की मदद से पहली बार नी ट्रांसप्लांट सर्जरी होगी जो मोहाली स्थित मैक्स अस्पताल में होगी। 


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