हाई प्रोफाइल तरीके से लीक हुआ पेपर और पास करने वाले डाक्टर्स दे दी नौकरी

punjabkesari.in Thursday, Jul 26, 2018 - 08:27 AM (IST)

चंडीगढ़ (अर्चना): गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल सैक्टर-32 में सीनियर डाक्टर्स की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। एग्जामिनेशन हॉल में इनवीजिलेटर की आंखों के सामने जमकर नकल हुई और हाई प्रोफाइल तरीके से पेपर भी लीक हुआ। 

 

अंधेरगर्दी देखिए, अस्पताल प्रबंधन ने न तो पेपर रद्द करने की जरूरत समझी और न ही मामले में एफ.आई.आर. ही दर्ज करवाई। हॉस्पिटल में इमरजैंसी मैडीकल ऑफिसर की पोस्ट पाने की इच्छुक महिला डाक्टर ने फार्माकोलॉजी विभाग के डिमोंस्ट्रेटर की मदद से पेपर लीक करने के लिए पहले ही प्लानिंग कर ली थी। 

 

इसके तहत मोबाइल को एग्जामिनेशन हॉल के अंदर ले जाना था और मोबाइल से क्वैश्चन पेपर की फोटो खींचकर बाहर मौजूद डिमोंस्ट्रेटर साथी को पहुंचानी थी। साथी के पास पेपर में पूछे गए सवालों से जुड़ी सारे जवाब पहले से ही मौजूद थे। वह अपने विभाग के ही एक अन्य साथी की मदद से महिला डाक्टर को एग्जामिनेशन हाल के अंदर जवाबों की फोटो खींचकर महिला डाक्टर को भेजता रहा। 

 

महिला डॉक्टर मजे से नकल करती रही। पेपर पूरा ही होने वाला था कि इनविजीलेटर ने महिला डाक्टर को पकड़ लिया और मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दे दी। मगर पेपर रद्द नहीं किया। फॉरैंसिक विभाग के एच.ओ.डी. प्रो. हरीश दासारी के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन भी किया गया लेकिन जांच शुरू होने से पहले ही डिमोंस्ट्रेटर ने इस्तीफा दे दिया। 

 

प्रबंधन ने मामले को दबाने के लिए इस्तीफा स्वीकार कर लिया लेकिन महिला डाक्टर ने रिजाइन किया या उसे टर्मिनेट किया गया, यह स्पष्ट नहीं किया। अस्पताल प्रबंधन ने न सिर्फ नतीजा घोषित किया बल्कि पिछले दो दिनों से डाक्टर्स के इंटरव्यू भी चल रहे हैं। उन्हें नौकरियां भी दी जा रही हैं।

 

18 जुलाई को थी डाक्टर्स की परीक्षा
जी.एम.सी.एच.-32 में हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों में सीनियर रैजीडैंट्स, रैजीडैंट अनैस्थिसिया, चीफ मैडीकल ऑफिसर (जनरल सर्जरी) डिमोंस्ट्रेटर, मैडीकल ऑफिसर, इमरजैंसी मैडीकल ऑफिसर्स की नियुक्ति के लिए प्रबंधन ने इसी 18 जुलाई को परीक्षा रखी थी। 

 

पहले परीक्षा कालेज के ऑडिटोरियम में होना था लेकिन बाद में परीक्षा केंद्र मैडीकल कालेज का ई-ब्लॉक बना दिया गया। परीक्षा सुबह 10.30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक रखी गई थी। 500 डाक्टर्स ने इसमें हिस्सा लिया। 

 

शिकायतों की न सुनवाई होती है और न ही दोषी पर कार्रवाई
हॉस्पिटल के एक फैकल्टी डाक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हॉस्पिटल में ऐसे मामलों में या तो जांच नहीं होती अगर जांच कमेटी गठित हो भी जाती है तो दोषी को बचाने की कोशिश की जाती है। सीनियर डॉक्टर्स ही नकल कर रहें हैं तो मामला सच में बेहद गंभीर है। 

 

सुलगते सवाल
-महिला डाक्टर एग्जामिनेशन हॉल के अंदर मोबाइल कैसे ले गई? 
-प्रवेश से पहले उसकी चैकिंग क्यों नहीं हुई? 
-हॉल के अंदर महिला डाक्टर ने क्वैश्चन पेपर की मोबाइल से फोटो कैसे ले ली? वहां मौजूद एग्जामिनर को पता क्यों नहीं चला 
-साथ पेपर देने वालों ने आपत्ति क्यों नहीं उठाई?


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