GMCH-32 सफल हुई पहली कार्डिक वैसकुलर सर्जरी, नाजुक थी बच्चे की स्थिति

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 09:17 AM (IST)

चंडीगढ़ (हांडा): गवर्नमैंट मैडीकल कालेज व अस्पताल सैक्ट-32 के इतिहास में मंगलवार को उस वक्त नया अध्याय जुड़ गया जब अस्पताल की टीम ने पहली कार्डिवस्कुलर सर्जरी की जोकि सफल रही। यह सर्जरी एक माह के नवजात की हुई जोकि जन्म के बाद से ही वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। 

 

नवजात को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना नामुमकिन था इसलिए पी.जी.आई. को संपर्क किया गया जहां से कार्डिक थॉरिक वेस्कुलर सर्जरी विभाग के सीनियर डा. आनंद मिश्रा को जी.एम.सी.एच. भेजा गया, जिनके मार्गदर्शन से उक्त सर्जरी को जी.एम.सी.एच. 32 के डाक्टरों ने अंजाम तक पहुंचाया। 

 

हाल ही में जी.एम.सी.एस.एच. के कार्डिक थॉरिक वेस्कुलर सर्जरी विभाग में ज्वाइन करने वाले पी.जी.आई. के ट्रेनी सहायक प्रोफेसर डा. सिद्धार्थ गर्ग ने उक्त सर्जरी को जी.एम.सी.एच. में ही करने का साहस दिखाया और इतिहास रच दिया। उनके साथ डा. लाकेश के आनंद, डा. सूक्षम जैन, डा. स्वाति, डा. सुप्रीत भी शामिल थे। सर्जरी के बाद नवजात की स्थिति स्थिर है और कुछ ही दिनों में सुधार दिखना शुरू हो जाएगा।

 

जी.एम.सी.एच.-32 के प्रिंसिपल निदेशक प्रो. बी.एस. चवन ने बताया कि नवजात जन्म के समय से ही वैंटिलेटर पर था, जिसकी लंग्स और हार्ट की ब्लडवीसलस (रक्त नलिकाएं) आपस में जुड़ी हुई थी, जिसके चलते दोनों का ब्लड मिक्स हो रहा था। नवजात की कंडीशन इतनी नाजुक थी की उसे वैंटिलेटर ने बाहर लाना जोखिम भरा था। 

 

नवजात की स्थिति को देखते हुए जी.एम.सी.एच.-32 के सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. ए.के. अत्री, बाल रोग विभाग के प्रमुख प्रो. विशाल गुगलानी व प्रो. सतिंदर गुम्बर ने योजना बनाई जिसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन के वित्त एवं स्वास्थ्य सचिव ए.के. गुप्ता को सूचित किया गया। 

 

उनकी अनुमति व सभी औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद मंगलवार को जी.एम.सी.एच.-32 में पहली हार्ट सर्जरी की गई जो डेढ़ घंटे तक चली। प्रो. चवन के अनुसार भविष्य में जी.एम.सी.एच.-32 कार्डिओवेस्कुलर सर्जरी के लिए तैयार है उक्त सफलता के बाद अब पी.जी.आई. का लोड भी कम होने लगेगा। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News