नेचर बढ़ा रही भारत में फंगल इन्फैक्शन, हर वर्ष हो रही हैं 15 लाख मौतें

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 12:22 PM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): पी.जी.आई. का मैडीकल माइक्रोबॉयोलजी डिपार्टमैंट के अधीन आता मैडीकल माइकोबॉयोलॉजी डिवीजन फंगल इंफैक्शन को कंट्रोल करने व उससे होने वाली बीमारियों का इलाज ढूंढने का काम करता है इसके साथ ही इस डिवीजन में फंगल इन्फैक्शन पर नई-नई रिसर्च की जाती है। 

 

इंटरनैशनल लैवल पर फंगल इंफैक्शन को कंट्रोल करने के लिए एक ग्लोबल एक्शन फंड बना हुआ है जिसमें कई देशों के साथ ही पी.जी.आई. का मैडीकल माइक्रोबॉयोलजी विभाग भी इसका मैंबर है। हाल ही में पी.जी.आई. के मैडीकल माइकोबॉयोलजी डिवीजन की एक सीरीज जाने माने जरनल्स द लैंसेंट में पब्लिश हुई है। 

 

ज्यादातर अस्पतालों में एड्स, कैंसर, टी.बी. समेत दूसरी कई बीमारियों के बारे में जानकारी के लिए अलग से वार्ड और बैंड्स लगे होंते हैं लेकिन फंगल इन्फैक्शन को लेकर किसी भी तरह की कोई जानकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होती। मैडीकल फील्ड में इस एरिया को इतनी एडवांसमैंट होने के बावजूद अनदेखा किया जाता है। 

 

भारत में हर वर्ष 15 लाख लोग फंगल इन्फैक्शन की वजह से मर जाते हैं व दुनिया भर में करोड़ों लोग फंगल इफैक्षन का शिकार होते हैं इसके बाद ही मैडीकल फील्ड में इसे ज्यादा महत्व नहीं देते। इस जरनल में 6 देशों से फंगल इन्फैक्शन पर सीरीज पब्लिश हुई है जिसमें से पी.जी.आई. का मैडीकल माइकोबॉयोलजी डिवीजन देश भर से इकलौता विभाग है। 


 

कंट्रोल करने के लिए पी.जी.आई. लिखेगा आर्टिकल
पी.जी.आई. मैडीकल माइकोबॉयोलजी डिवीजन फंगल इन्फैक्शन कंट्रोल करने के लिए जल्द ही वह इस पर आर्टीकल पब्लिश करेगा ताकि फंगल इन्फैक्शन को दूर या कंट्रोल किया जा सके। पी.जी.आई. मैडीकल माइक्रोबॉयोलॉजी के हैड प्रो. अरुणालोक  चक्रवर्ती की मानें तो इंडिया में फंगल इन्फैक्शन का रेट काफी ज्यादा है। 

 

इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी फंगल ड्रग्स मरीजों की पहुंच से काफी दूर होती है ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं होते जिसकी वजह से वह वक्त पर इलाज नहीं करवा पाते। 

 

इसके साथ ही भारत की नैचुरल कंडीशन भी इसे बढ़ाने का काम करती है वहीं गरीबी, कुपोशण, नैचुरल डिजास्टर, मैडीकल फैसिलिटी की कमियां भी फंगल इंफैक्शन को बढ़ा देती हैं। लोगों को दूसरी बीमारियों के प्रति तो जागरूकता है लेकिन फंगल इन्फैक्शन को लेकर लोगों में भी जानकारी काफी कम। 

 

डाक्टर्स की मानें तो इस इस सीरीज में पब्लिश होने वाले आर्टीकल के बाद लोगों के साथ हैल्थ केयर में फंगल इन्फैक्शन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। 
 


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