वन महोत्सव या मजाक : लाखों पौधे लगाए, कितने बचे, पता नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Jul 04, 2018 - 08:35 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : सोमवार को एक बार फिर चंडीगढ़ प्रशासन ने वन महोत्सव के तहत पूरे शहर में लगभग अढ़ाई लाख पौधे लगाने के लक्ष्य को पूरा करने की मुहिम का आगाज दिया।

सभी विभागों की जिम्मेदारियां तय कर दी गईं लेकिन इस बात पर चंडीगढ़ प्रशासन का फोकस नहीं है कि जितने पौधे लगाए जा रहे हैं, उनमें से कितनों को बचाया जाएगा। पिछले साल भी प्रशासन के विभिन्न विभागों ने लगभग 2.35 लाख पौधे लगाए थे लेकिन उनमें से कितने पौधे इस साल भी जीवित हैं, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया। 

यही वजह है कि चंडीगढ़ के ग्रीन कवर एरिया पर इतना फर्क नहीं पड़ रहा है क्योंकि कई सालों से चंडीगढ़ के ग्रीनिंग एक्शन प्लान में फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ, नगर निगम और यू.टी. के हॉर्टीकल्चर डिपार्टमैंट की ओर से सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के साथ पूरे शहर में लाखों पौधे लगाने के दावे तो किए जाते हैं लेकिन यह जांच नहीं की जाती कि कितने पौधे इनमें से सर्वाइव किए जा सके हैं।

फॉरैस्ट डिपार्टमैंट ने बचाए 80 प्रतिशत पौधे :
केवल फॉरैस्ट डिपार्टमैंट ही प्रशासन का ऐसा विभाग है, जो दावा कर रहा है कि पिछले साल लगाए गए लगभग 75,000 पौधों में से 80 प्रतिशत इस साल भी मौजूद हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश पौधे सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में लगाए गए हैं। 

दूसरी ओर नगर निगम और प्रशासन के हॉर्टीकल्चर विभागों द्वारा पौधे शहर में खाली जगहों पर लगाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश किसी न किसी कारण से अपना एक साल भी पूरा नहीं कर पाते। यही वजह है कि शहर को ग्रीन सिटी बनाए रखने के लिए सभी विभाग अब फीडबैक भी देंगे।

जिस तरह से शहर में हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं, उसे देखते हुए शहर का ग्रीन कवर एरिया भी तेजी से बढऩा चाहिए लेकिन स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफ.एस.आई.), देहरादून की इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आई.एस.एफ.आर.) रिपोर्ट के अनुसार 2015 के मुकाबले शहर का ग्रीन कवर एरिया नाममात्र का बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में चंडीगढ़ का ग्रीन कवर एरिया 57.03 स्क्वेयर किलोमीटर दर्ज किया गया था जबकि 2017 में यह बढ़कर 57.56 स्क्वेयर किलोमीटर रिकॉर्ड हुआ है।


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