अब इनके हाथ आई शहर में सूखे पेड़ों को हटाने की पावर

punjabkesari.in Thursday, Aug 31, 2017 - 10:19 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : क्या सूखे पेड़ों को काटने के लिए भी एडवाइजर की परमिशन की जरूरत होती है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इसी महीने चंडीगढ़ प्रशासन के सामने यह सवाल उठाया तो तुरंत प्रशासनिक तंत्र में फेरबदल का सिलसिला शुरू हो गया। अब शहर में किसी भी सूखे पेड़ को अगर काटना होगा तो उसके लिए दो जगह से परमीशन लेनी होगी। नगर निगम के एस.डी.ओ. (हॉर्टिकल्चर) या यू.टी. के इंजीनियरिंग विभाग के एस.डी.ओ. (हॉर्टिकल्चर) के साथ-साथ डिपार्टमैंट ऑफ फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ, चंडीगढ़ प्रशासन के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (आर.एफ.ओ.) को इस मामले में स्पेशल पॉवर दी गई है। 

 

शिकायत मिलने पर सबसे पहले इनमें से दो विभागों के एस.डी.ओ. और आर.एफ.ओ. मौके पर जाकर यह जानकारी हासिल करेंंगे कि क्या सचमुच में सूखे पेड़ को वहां से हटाने की जरूरत है? एस.डी.ओ. और आर.एफ.ओ. की ओर से अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की जाए कि पेड़ पूरी तरह से सूख चुका है तो इसके बाद संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी शुरू होगी। यू.टी. के चीफ इंजीनियर, चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट और नगर निगम कमिश्नर इसके बाद सूखे पेड़ को वहां से हटाने की परमिशन जारी करेंगे। फैसला तीनों अधिकारियों के अधिकार-क्षेत्र के आधार पर लिया जाएगा। 

 

1 सूखे पेड़ की जगह लगेंगे 5 पौधे :
फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की ओर से जारी की गाइडलाइंस में एक कंडीशन यह भी लगाई गई है कि अगर कहीं से 1 सूखा और मृत पेड़ हटाया जाता है तो उसकी बजाय 5 पौधे लगाने होंगे। इसकी जिम्मेदारी भी इन तीनों विभागों की होगी। इनमें से एक पौधे को तुरंत उसी जगह पर लगाना होगा जहां से सूखा पेड़ हटाया गया है। दरअसल यह कंडीशन लगाने के पीछे कारण बताया गया है कि इससे पहले जब भी सूखे पेड़ हटाए गए हैं तो वहां की बजाय किसी अन्य जगह पर पौधा लगा दिया जाता है। 

 

उसी प्रजाति का पौधा लगेगा :
गाइडलाइंस में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यह नगर निगम/इंजीनियरिंग विभाग/फॉरेस्ट डिपार्टमैंट की जिम्मेदारी होगी कि मौके पर जाकर यह पता किया जाए कि कौन सी प्रजाति का पौधा रिप्लेस किए गए पेड़ की जगह लगाया गया है। 

 

नए नियम के अनुसार सिटी अर्बन प्लानिंग/हैरीटेज के आधार पर पौधा भी उसी प्रजाति का होगा जिसका कि पेड़ है। एक बार सूखा पेड़ काटने की परमिशन जारी हो जाए उसके बाद संबंधित विभाग की यह जिम्मेदारी होगी कि उसे वहां से तुरंत हटाया जाए। अभी तक यह सिस्टम है कि शहर के लोग बार-बार शिकायत दर्ज कराते हैं कि कुछ पेड़ उनकी जान या फिर प्रॉपर्टी के लिए खतरा बन चुके हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी। 

 

यह है स्थिति :
-निगम के सेंसस के अनुसार शहर में कुल 165197 पेड़ हैं।
-1029 पेड़ या तो मृत हैं या फिर सूख चुके हैं।
-अगस्त तक एडवाइजर की ओर से केवल 602 सूखे पेड़ों को हटाने की परमिशन दी गई थी।
-427 पेड़ों को काटने के लिए अभी भी परमिशन का इंतजार है।


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