डैडलाइन से फिर चूका नगर निगम इस बार भी पानी लाने में रहा नाकाम

Tuesday, Apr 16, 2019 - 01:40 PM (IST)

चंडीगढ़(राय): नगर निगम शहरवासियों अतिरिक्त पानी की सप्लाई का तोहफा देने का वायदा पिछले दो वर्षों से कर रहा है लेकिन हर बार निगम द्वारा दी गई डैडलाइन समाप्त हो जाती है लेकिन पानी नहीं पहुंचता। निगम ने इस बार 15 अप्रैल की डैडलाइन रखी थी कि अतिरिक्त पानी शहर को मिलने लगेगा लेकिन उसमें निगम नाकाम रहा। 

अब एक बार फिर निगम ने कहा है कि शहर के लिए कजौली वाटर वक्र्स से आने वाला 29 एम.जी.डी. पानी इस माह के अंत तक से मिलने लगेगा। बताया गया कि इसके लिए फाइनल टैस्टिंग ट्रायल से शुरू हो चुका है। निगम की तरफ से होने वाले सभी कार्य लगभग पूरे कर लिए गए हैं। केवल कजौली से होने वाले चैंबरों में कटिंग का काम बाकी रहता है इसलिए इसमें देरी हुई है।  

पहले भी किए गए वायदे 
इससे पूर्व भी कहा गया था कि शहरवासियों को नए साल के पहले दिन अतिरिक्त पानी की सप्लाई का तोहफा देने वाला है। इसके लिए नगर निगम द्वारा तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। ट्राईसिटी को कजौली वाटर वक्र्स के फेज-5 व 6 की लाइन से न सिर्फ चंडीगढ़ को 29 एम.जी.डी. यानी 1305 लाख लीटर अतिरिक्त पानी मिलना है बल्कि इसके साथ ही  मोहाली को (5 एम.जी.डी.) 225 लाख लीटर और पंचकूला एवं चंडीमंदिर कैंटोनमैंट को भी (3-3 एम.जी.डी.) 135-135 लाख लीटर अतिरिक्त पानी मिलेगा।

पूर्व मेयर देवेश मोदगिल ने भी किया था दावा
पूर्व मेयर देवेश मोदगिल ने पदभार संभालते ही शहरवासियों से वायदा किया था की इस वर्ष की 1 मई से शहर को अतिरिक्त पानी मिलने लगेगा लेकिन किन्हीं कारणों से मई महीने में शहर को पानी नहीं मिल सका। देवेश मोदगिल अपने कार्यकाल में ही यह तोहफा देना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।  

19 मार्च का भी किया था वायदा 
निगम ने पहले भी कहा था कि यह ट्रायल गत 19 मार्च से शुरू हो जाएगा। कजौली वाटर वक्र्स के लिए फेज-5 व 6 लाइन के इनटेक चैंबर को पुरानी लाइनों के चैंबर से जोडऩे के लिए चल रहा कार्य इसके पहले पूरा हो जाने की संभावना है। कहा गया था कि दिन रात काम चलने की वजह से अब उम्मीद बनी है कि 19 मार्च को फाइनल ट्रायल टैसिं्टग का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद इस गर्मी के सीजन में हर वर्ष की भांति आने वाली दिक्कत का सामना शहरवासियों को नहीं करना पड़ेगा। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। इसके लिए गत सितम्बर माह से काम शुरू किया गया था। टैंडर की शर्तों के अनुसार यह काम 45 दिन में पूरा करना था, किंतु किन्हीं कारणों से इसमें विलम्ब होता गया।

तो खत्म हो जाती पानी की किल्लत  
गर्मियों में पानी की डिमांड सॢदयों के मुकाबले ज्यादा रहती है। गर्मियों में ही रिपेयर वर्क ज्यादा करवाए जाते हैं। वैसे ही पानी की कमी चल रही है तो दूसरा रिपेयर वर्क के चलते भी पानी की सप्लाई बाधित होती है। निगम के पास इस समय पानी सप्लाई देने के लिए भाखड़ा नहर का 58 एम.जी.डी. और 254 ट्यूबवैल से 25 एम.जी.डी. यानी 83 एम.जी.डी. है जबकि गर्मियों में पानी की खपत 110 एम.जी.डी. तक पहुंचती है। ऐसे में 27 एम.जी.डी. पानी की कमी रहती है। वहीं 24 घंटे अतिरिक्त पानी की सप्लाई शुरू हो जाने से यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती। 

bhavita joshi

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