बच्चों के फेल होने पर अभिभावकों ने किया बवाल, पेरेंट्स ने लगाए टीचर पर गंभीर आरोप

punjabkesari.in Thursday, May 09, 2019 - 10:23 AM (IST)

चंडीगढ़(वैभव) : शहर में लड़कियों के लिए बेहतर स्कूल माने जाने वाले गवर्नमैंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-20 में बुधवार को कुछ और ही नजारा देखने को मिला। यहां बच्चों को फेल किए जाने पर अभिभावकों ने स्कूल परिसर को धरने का अड्डा बनाते हुए जमकर बवाल मचाया। 

सुबह 9 बजे से पेरैंटस का जमावड़ा शुरू हो गया और कुछ देर में करीब 70-80 पेरैंट्स मौके पर पहुंच गए। हंगामा 11वीं कक्षा के दो सैक्शनों के 70 बच्चों को इकोनॉमिक्स विषय में फेल करने को लेकर किया गया। इस बारे में अभिभावकों ने बताया कि मार्च माह में हुई परीक्षा में जिन बच्चों की कंपार्टमैंट आई थी, उनका मई में दोबारा पेपर लिया गया, लेकिन इस बार भी सभी बच्चों को फेल कर दिया गया। 

पेरैंट्स ने स्कूल प्रशासन से बच्चों के पेपर चेक करवाने की बात कही, जिसे प्रशासन ने नकार दिया और डी.ई.ओ. कार्यालय पेपर चेक करने की बात कही। प्रोटैस्ट को उग्र होता देख मौके पर पी.सी.आर. भी पहुंचे। थाना-19 प्रभारी शादीलाल ने मौके का जायजा लिया। पुलिस ने सभी अभिभावक और स्टूडैंट्स से बात करके प्रोटैस्ट को खत्म करवाया। 

इकोनॉमिक्स की टीचर को प्रोमोट कर भेजा दूसरे स्कूल :
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि 11वीं कक्षा की इकोनॉमिक्स की टीचर प्रोमोशन के बाद दूसरे स्कूल में चली गई, जिस वजह से बच्चों की इकोनॉमिक्स की क्लासेज नहीं लगी और बच्चे फेल हो गए। इसीलिए इसके लिए स्कूल प्रशासन ही उत्तरदायी है। वहीं प्रिंसीपल का कहना है कि इन बच्चों को शिक्षा विभाग के क्राइटेरिया के आधार पर फेल किया गया है, क्योंकि सितम्बर और दिसम्बर में हुई असैस्मैंट में इनके नंबर कम थे। 

उन दोनों असेस्मैंट के नंबर मार्च की परीक्षा में आए नंबरों के साथ जोड़कर ही बच्चे को पास या फेल किया जाता है इसलिए स्कूल में इस तरह का प्रदर्शन करना बेकार है। अगर कोई शिकायत है, तो पेरैंट्स शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के पास जा सकते हैं। हंगामा के दौरान कई छात्राएं ऐसी थीं, जो शिक्षकों से बात करते समय यह भूल गई थी कि वह उनकी शिक्षक हैं। बच्चों ने जमकर टीचर्स को अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। 

टीचर दिसम्बर में हुई थी प्रोमोट :
दिसम्बर 2018 में इकोनॉमिक्स की टीचर रुपिंदर संधू दूसरे स्कूल में 12वीं में फाइन आट्र्स की टीचर के पद पर प्रोमोट हो गई। इसके बाद स्कूल में इकोनॉमिक्स की क्लासेज नहीं ली गई। शिकायत पत्र को पेरैंट्स ने शिक्षा विभाग के नाम लिखा। वहीं स्टूडैंट्स से रुपिंदर पर आरोप भी लगाए कि वह बच्चों को धमकी देती थी कि उसके पति उच्च पोस्ट पर हैं, जिसकी वजह से कोई भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। 

नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर पेपर को चैक करने आई टीचर ने बताया कि उन्होंने पेपर को चार बार चैक किया, लेकिन बच्चों ने पेपर में कुछ भी नहीं लिखा था। कई बार बच्चों और उनके पेरैंट्स को कहा गया कि आप पेपर देख सकते हैं लेकिन उन्होंने बिल्कुल भी हामी नहीं भरी। अगर स्टूडैंट्स ने पेपर में कुछ लिखा होता तो उन्हें जरूर नंबर दिए जाते।

मौके पर पहुंची डिप्टी डी.ई.ओ. :
अभिभावकों के बढ़ते बवाल को देखते हुए मौके पर उप-जिला शिक्षा अधिकारी मोनिका मेनी मौके पर पहुंची और पेरैंट्स को शांत किया। वहीं प्रिंसीपल मनीता और स्कूल स्टॉफ के साथ के साथ डिप्टी डी.ई.ओ. ने काफी देर बातचीत की और दोनो पक्षों को सुना। डिप्टी डी.ई.ओ. ने पेरैंटस से कहा कि उन्हें जो भी शिकायत है वह विभाग को लिखित में दे सकते हैं। 

बच्चों में ऐसे भी थे, जिनको 1 नंबर या फिर 5 नंबर से फेल किया गया था। वहीं यह भी पता चला कि 11वीं क्लास में मात्र 2 बच्चे ही पास हुए थे। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभावकि है कि अगर पूरी क्लास में मात्र दो बच्चे पास हो रहे हैं तो इसमें कहीं ना कहीं टीचर की भी कमी होगी। 


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Priyanka rana

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