जिस केस में सजा काट चुका था, उसी में भगौड़ा बता कर किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2019 - 09:56 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़ पुलिस द्वारा भगौड़े घोषित अपराधियों को पकडऩे के लिए बनाई एस.आई.टी. की टीम ने 3 दिन पहले आर्म्स एक्ट मामले में सजा काट चुके अनिल कुमार उर्फ तोता को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का कहना था कि आर्म्स एक्ट के मामले में उस पर दर्ज एफ.आई.आर. के बाद वह जेल में था, जहां से पैरोल पर बाहर आया और पुन: जेल में नहीं गया, जिसे पी.ओ. करार दिया जा चुका है। 

सैशन कोर्ट से ही अनिल के गिरफ्तारी वारंट जारी हुए थे लेकिन पुलिस ने रिकार्ड झांके बिना ही अनिल चौहान उर्फ तोता को जबरन उसके घर सैक्टर-63 से उठा लिया था। अनिल को मैडीकल के लिए सैक्टर-45 के सिविल अस्पताल ले जाया गया था, जिसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेजने की तैयारी थी कि उसकी पत्नी ने आदेश पारित होने से पहले ही अदालत को बताया कि अनिल उर्फ तोता को जिस आर्म्स एक्ट के मामले में पुलिस गिरफ्तार करके लाई है, उसकी सजा वह काट चुका है। 

इसका रिकार्ड जेल से लिया जा सकता है। अनिल की पत्नी ने कोर्ट को हाईकोर्ट के वह आर्डर भी सबूत के रूप में दिखाए, जिसमें तोता ने अपनी सजा को चैलेंज किया था और ऑर्डर में साफ लिखा है कि अपील जेल में रहते हुए ही की गई थी। उसके बावजूद पुलिस ने उसे जबरन गिरफ्तार किया है जो कि गैर-कानूनी है। 

पुलिस का कारनामा हैरान करने वाला :
जज ने अनिल की पत्नी की दलील सुन व सबूत देख अनिल को जमानत दे दी थी और शनिवार को कोर्ट में सजा भुगतने से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा था जोकि उसने शनिवार को वकील संदीप कटोच की मार्फत कर दिए हैं और कोर्ट ने रिलीज किए जाने के आदेश पारित कर दिए हैं। कोर्ट द्वारा रिलीज किए जाने के बाद अनिल ने कहा है कि पुलिस और कोर्ट की कारगुजारी को लेकर वह हैरान हैं।

परिवार की बदनामी हुई, बेटी है सदमे में :
उन्होंने कहा है कि उनकी बहुत बदनामी हुई और उनकी छोटी बेटी सदमे में है जोकि उस वक्त उसके साथ थी जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। उसे जलील करते हुए जबरन कार में ले आए थे। अनिल कुमार का कहना था कि उनका नाम अखबारों में छपा और उनकी बदनामी हुई है जिसके लिए वह चंडीगढ़ पुलिस के खिलाफ मानहानि का दावा ठोकेंगे। 

अनिल ने बताया कि जिस मामले में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया उस मामले में वह न तो कभी पैरोल पर जेल से बाहर आए और न ही कभी बेल ही अप्लाई की थी फिर वह पी.ओ. कैसे हो सकते हैं। अनिल ने उक्त मामले में 3 साल की जगह 5 साल की सजा जेल में काटी है क्योंकि फैसला 5 वर्ष बाद आया था जिसमें उसे 3 वर्ष की सजा हुई थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Priyanka rana

Recommended News

Related News