डिलिवरी बॉय निकला मुस्लिम तो कस्टमर ने कैंसल किया ऑर्डर, ट्विटर पर Zomato का जवाब दिल जीत लेगा
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 01:22 PM (IST)
नई दिल्लीः ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमेटो ने धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने वाले एक शख्स को करारा जवाब दिया है जिससे सोशल मीडिया पर कंपनी की खूब तारीफ हो रही है। दरअसल, जोमेटो पर पंडित अमित शुक्ल नाम के एक व्यक्ति ने खाना ऑर्डर किया। मैसेज के जरिए जब उन्हें पता चला कि एक मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय उनका खाना लेकर आ रहा है तो उन्होंने सावन महीने का हवाला देते हुए जोमेटो से डिलीवरी ब्वॉय बदलने को कहा लेकिन जोमेटो ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद अमित शुक्ल ने ऑर्डर कैंसल कर दिया और जोमेटो से रिफंड देने की मांग की।
जोमेटो ने सिखाया सबक
जोमेटो ने रिफंड देने से भी इनकार कर दिया और सोशल मीडिया ट्विटर पर करारा जवाब देते हुए लिखा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता। अमित शुक्ल ने जोमेटो पर मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से जबरदस्ती खाना लेने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाते हुए व्हाट्स ऐप चैट का स्क्रीन शॉट भी ट्विटर पर शेयर किया है। इस चैट में दिख रहा है कि अमित जोमेटो कंपनी से कह रहे हैं कि अभी हमारे लिए सावन चल रहा है और इसलिए हमें किसी मुस्लिम से डिलीवरी नहीं ले सकते। इसके नीचे की चैट में जोमेटो कंपनी ने जवाब में कहा कि अगर वो ऑर्डर कैंसल करते हैं तो उन्हें कैंसलेशन चार्ज के तौर पर 237 रुपए देने होंगे।
Food doesn’t have a religion. It is a religion. https://t.co/H8P5FlAw6y
— Zomato India (@ZomatoIN) July 31, 2019
अमित शुक्ल ने शेयर किया स्क्रीन शॉट
पंडित अमित शुक्ल ने एक और स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा है कि जब मैंने आपत्ति दर्ज कराई तो जोमेटो ने उन्हें ब्लॉक कर दिया और अब ऐप पर पहले की ऑर्डर हिस्ट्री भी दिखाई नहीं दे रही है। अमित शुक्ल ने कहा है कि अब वो इस मामले में अपने वकील से सलाह लेकर जोमेटो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
Now the history of my latest order has been blocked I asked them to cancel they did it why aren't they showing details on the site they can show that I ordered cancellation without refund they did so pic.twitter.com/0DptbJ81lS
— पं अमित शुक्ल (@NaMo_SARKAAR) July 30, 2019
सोशल मीडिया पर हुई तारीफ
अमित शुक्ल को अपने इस फैसले के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है और लोग जोमेटो के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। अमित शुक्ल को लेकर लोनली 2 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि आप पहले दर्जे के मूर्ख हैं और आपको बस एक पूंछ की कमी है।
What a first class moron you are! You are only lacking a tail.
— lonely2 (@Aloneir) July 31, 2019
वहीं एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि आपको हमेशा ऐसे रेस्टोरेंट से खाना मंगाना चाहिए जहां उसे एक हिंदू पकाता हो उसमें भी ब्राह्मण होना जरूरी है। पंडित जी अब आपको जोमेटो का उपयोग नहीं करना चाहिए जिसका मालिक चीनी है। कुछ शर्म करो और एक सच्चे देशभक्त, सच्चे संस्कारी और सच्चे हिंदू ब्राह्मण बनो।
You should also always call the restaurant & ensure that your food is also cooked by a Hindu. Ideally a Brahmin, Pandit Ji.
— amitbehere (@amitbehere) July 30, 2019
And you should most defn not use Zomato which has some Chinese ownership.
Have some shame and be a true patriot, a true Sanskaari and a true Hindu Brahmin.
करनवीर सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा कि कृपया अपने नाम से पंडित हटा दें क्योंकि आपके पास सच्चा ब्राह्मण होने के लिए न तो ज्ञान है, न करुणा और न ही विनम्रता। ब्राह्मण शब्द ब्रह्मा से आया है और जिसका मन ब्रह्म के साथ एक हो जाता है वही ब्राह्मण है।
Please remove pandit from your name because you have neither knowledge, nor wisdom, or compassion or humility to be a true brahmin. Btw the word Brahmin comes from Brahm and Mann. The one whose mind becomes one with Brahm. And your mind is in the gutter.
— karanbir singh (@karanbirtinna) July 31, 2019
Get well soon.
मोना नाम की एक ट्विटर यूजर ने अमित शुक्ल पर निशाना साधते हुए लिखा कि जोमेटो ने बहुत अच्छा काम किया। मैं इस ऐप का इस्तेमाल करती हूं। अब और ज्यादा करूंगी। इनकी यह बीमारी लाइलाज है और किसी को उन्हें बताना चाहिए कि जिस वाहन पर वो चढ़ते हैं वो मुस्लिम ईंधन पर चलता है, उसका फोन ईसाईयों न बनया था। दुनिया अद्भुत लोगों से भरी हुई है।
Well done @ZomatoIN I use your app, will do so more often now. Also, someone tell this thing that its vehicle runs on Muslim fuel, its phone was developed by Christians & the world is full of wonderful people who follow all sorts of belief systems. BTW its sickness is malignant.
— Mona Ambegaonkar (@MonaAmbegaonkar) July 31, 2019