आज से पेट्रोल पंप पर मिलेगा दुनिया का सबसे साफ पेट्रोल-डीजल, जानिए क्या है इसकी खासियत

punjabkesari.in Wednesday, Apr 01, 2020 - 05:16 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा, "देशभर में BS6 मानक लागू करने की समय सीमा 1 अप्रैल का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। देश BS6 पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करेगा। वास्तव में, हमने लगभग दो हफ्ते पहले देश भर में इन ईंधनों को बेचना शुरू कर दिया था।" आईओसी अपने सभी 28,000 पेट्रोल पंपों के जरिए अल्ट्रा-लो सल्फर ईंधन का वितरण कर रही है। 

आईओसी के अधिकारियों ने बताया कि इस ईंधन में सल्फर व लेड का उत्सर्जन बहुत कम होता है। BS4 ईंधन में जहां सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) होती है, वहीं BS6 ईंधन में सल्फर की मात्रा पांच गुना कम हो जाती है। 

इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन समेत तीनों ऑयल कंपनियों ने अपने सभी पंपों पर एक हफ्ता पहले ही BS6 मानक ईंधन की सप्लाई शुरू कर दी थी लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की थी बल्कि एक अप्रैल से इसकी बिक्री का औपचारिक ऐलान किया था। 

पेट्रोलियम कंपनियों के अफसरों ने बताया कि 25 मार्च तक सभी पेट्रोल पंप, रिफाइनरी और भंडारण इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन डिपो पर मानक के अनुरूप नए ईंधन का भंडारण और सप्लाई सुनिश्चित करनी थी। इसके सफल परीक्षण के बाद पहली अप्रैल से BS6 डीजल-पेट्रोल सप्लाई औपचारिक तौर पर शुरू किया जा रहा है। इस ईंधन से वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी। 

क्या हैं BS 
केंद्र सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषकों के उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए मानक तय करती है। इसे बीएस यानी भारत स्टेज कहा जाता है। केंद्र सरकार ने BS की शुरुआत वर्ष 2000 में की थी। इसे विभिन्न मानदंडों और मानकों के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लाया गया। 

क्या है BS6
यह वायु प्रदूषण फैलाने वाले मोटर वाहनों सहित सभी इंजन वाले उपकरणों के लिए मानक के रूप में तय किया गया है। बताया जा रहा है कि बीएस6 ग्रेड के ईंधन से प्रदूषण में कमी होगी। BS6 ईंधन उत्सर्जन मानक पहले की तुलना में कड़े हैं। BS4 की तुलना में इसमें NOx का स्तर पेट्रोल इंजन के लिए 25 फीसदी और डीजल इंजन के लिए 68 फीसदी कम है। इसके अलावा डीजल इंजन के HC + NOx का स्तर 43 फीसदी और पार्टिकुलेट मैटर का स्तर 82 फीसदी कम किया गया है। प्रदूषण के इन मानकों को घटाने के लिए BS6 इंजनों में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। 

आईओसी के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को BS6 मानक के अनुसार ज्यादा स्वच्छ पेट्रोल और डीजल बनाने के लिए करीब 35,000 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ा और इस लक्ष्य को बिना किसी व्यवधान के सिर्फ तीन सालों में हासिल कर लिया गया। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News