रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए पर्याप्त कर्ज उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे: प्रभु

punjabkesari.in Friday, Nov 23, 2018 - 06:38 PM (IST)

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग को उपयुक्त मात्रा में कर्ज उपलब्ध कराने से जुड़े मसले को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है। प्रभु ने कहा कि दोनों मंत्रालय सोने पर आयात शुल्क घटाने की रत्न एवं आभूषण उद्योग की मांग पर भी विचार कर रहे हैं। उद्योग ने शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने की मांग की है। उद्योग हीरे पर भी शुल्क में कटौती चाहता है। वह चाहता है कि शुल्क को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत किया जाए।

वाणिज्य मंत्री ने कहा, 'शुल्क में कटौती रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है क्योंकि यह क्षेत्र निर्यात आधारित है आयात शुल्क के चलते कार्यशील पूंजी बाधित होती है। इसलिए, हम इस पर पहले से ही काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्रालय पर चालू खाते के घाटे को सीमित दायरे में भी रखने की जिम्मेदारी है, इसलिए आयात को कैसे नियंत्रण में रखा जाए इस पर भी काम चल रहा है। हमें दोनों चीजों को एक साथ संतुलित करना है।

चालू खाते के घाटे (कैड) से तात्पर्य देश में होने वाले सकल विदेशी मुद्रा और देश से होने वाली विदेशी मुद्रा की कुल निकासी के बीच के अंतर से है। प्रभु ने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के वित्तपोषण पर कहा, 'उद्योग की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बैंकरों के साथ बैठकें की गई हैं। मैंने फिर से वित्त मंत्रालय के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उद्योग को आवश्यक पूंजी की कमी नहीं पड़े।'

उल्लेखनीय है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के बाद बैंक से रत्न एवं आभूषण क्षेत्र खासकर हीरा उद्योग को ऋण देने में सख्त रुख अपनाया है। इसके चलते उद्योग को ऋण मिलने में दिक्कत हो रही है। मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही स्वर्ण नीति लेकर आएगी और क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए घरेलू स्तर पर स्वर्ण परिषद का गठन किया जाएगा। 

देश से सालाना 40 अरब डॉलर के रत्न एवं आभूषणों का निर्यात किया जात है। क्षेत्र की देश के कुल व्यापार निर्यात में 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस उद्योग में करीब 50 लाख लोगों को रोजगार देता है। वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा कि स्वर्ण नीति तैयार करने और परिषद के गठन के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ सलाह-मशवरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि जल्द ही कोई तार्किक नतीजे पर पहुंच जाएंगे।' 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News