Amazon को टक्कर देने के लिए वॉलमार्ट लेगा Google की मदद

punjabkesari.in Friday, Apr 27, 2018 - 12:01 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकॉर्ट को खरीदने के लिए अमेरिका की दो बड़ी कंपनियों में घमासान हो रहा है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक फ्लिपकॉर्ट को खरीदने के लिए वॉलमार्ट अब गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट से हाथ मिला सकती है। सूत्रों के अनुसार फ्लिपकॉर्ट का सबसे बड़ा निवेशक सॉफ्टबैंक चाहता है कि ई-कॉमर्स कंपनी का अभी अमेजॉन के ऑफर का इंतजार करना चाहिए।

पहले खबर आ रही थी कि अमेजॉन फ्लिपकॉर्ट को खरीदेगा लेकिन अब वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के काफी करीब है और यह डील जल्द ही फाइनल हो जाएगी।

फ्लिपकॉर्ट में अल्फाबेट करेगी निवेश 
कहा जा रहा है कि फ्लिपकॉर्ट में हिस्सेदारी के लिए वॉलमार्ट गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट की मदद लेगा। सूत्रों के अनुसार, अल्फाबेट देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी में 1 से 2 अरब डॉलर (करीब 65 से 130 अरब रुपए) का निवेश करेगी। 

एक बार फिर वॉलमार्ट और अल्फाबेट अमेरिका के बाहर के बाजार में अमेजॉन के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। पिछले साल वॉलमार्ट और गूगल की पार्टनरशिप हुई थी जिसके तहत गूगल एक्सप्रेस पर वॉलमार्ट के प्रॉडक्ट बेचे जाते हैं। इसके अलावा गूगल वॉलमार्ट के प्रॉडक्ट्स के लिए पर्सनलाइज्ड वॉयस शॉपिंग की सुविधा भी देता है। 

इतना ही नहीं, उपभोक्ता गूगल होम डिवाइस के जरिए सिर्फ बोलकर वॉलमार्ट के प्रॉडक्टस के लिए ऑर्डर दे सकते हैं। बेन्टोनविले के एक खुदरा विक्रेता ने प्राइमरी और सेकंड्री इन्वेस्टमेंट के जरिए फ्लिपकार्ट में 85-86 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है। वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट में 2 अरब डॉलर का निवेश करने के अलावा व्यक्तिगत निवेशकों के शेयरहोल्डिंग को खरीदने की संभावना तलाश रहा है। 

अलग होंगे टेंसेंट और टाइगर ग्लोबल 
इस मामले से जुड़े जानकारों के मुताबिक, फ्लिपकार्ट में चीन की टेंसेंट और अमेरिका की टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट की 26.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और इस नई डील के बाद पहले राउंड में ये दोनों कंपनियां फ्लिपकार्ट से आंशिक रूप से बाहर निकल जाएंगी। वहीं 20.8 प्रतिशत के स्वामित्व वाले सॉफ्टबैंक पहले राउंड में ही पूरी तरह से अलग हो सकता है। 

वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर्स सचिन बंसल और बिन्नी बंसल से उनकी हिस्सेदारी खरीदने की बात कर रहा है। हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि फ्लिपकार्ट में एस्सेल, नेस्पर्स और ईबे की भी हिस्सेदारी है। 


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jyoti choudhary

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