कर्ज में डूबे जेपी एसोसिएट्स को वेदांता का सहारा, 17,000 करोड़ की बोली से हुआ सौदा
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 01:32 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कर्ज के बोझ तले दबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) को लेकर हुई जोरदार रेस में आखिरकार अनिल अग्रवाल की वेदांता ग्रुप ने जीत हासिल कर ली। वेदांता ने ₹17,000 करोड़ की सबसे ऊंची बोली लगाई है। इस बिडिंग वैल्यू के हिसाब से कंपनी की नेट प्रेजेंट वैल्यू ₹12,505 करोड़ आंकी जा रही है।
शुरुआत में जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की दौड़ में अडानी ग्रुप, डालमिया भारत, जिंदल पावर, पीएनसी इंफ्राटेक समेत कई दिग्गज कंपनियां थीं लेकिन आखिर तक मुकाबला अडानी और वेदांता के बीच सिमट गया।
कितना कर्ज है जेपी एसोसिएट्स पर?
रियल एस्टेट, सीमेंट, पावर, होटल और रोड सेक्टर में काम करने वाली जयप्रकाश एसोसिएट्स पर इस वक्त ₹57,185 करोड़ का कर्ज है। कर्ज चुकाने में नाकाम रहने के कारण कंपनी दिवाला प्रक्रिया (IBC) के तहत बेचने के लिए नीलामी में आई थी।
कौन-कौन सी संपत्तियां मिलेंगी?
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा: जेपी ग्रीन्स विशटाउन, जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी (जेवर एयरपोर्ट के पास)
- होटल्स: मसूरी और आगरा समेत 5 लग्जरी होटल
- सीमेंट प्लांट्स: मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में 4 प्लांट्स (फिलहाल बंद)
- ऑफिस और लीज माइन्स: दिल्ली-एनसीआर में कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज और एमपी में लाइमस्टोन माइन्स
- इसके अलावा जयप्रकाश पावर वेंचर्स, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग और जेपी इंफ्रा जैसे सब्सिडियरीज में हिस्सेदारी
अधिग्रहण में लग सकता है वक्त
हालांकि डील पूरी होने में अभी समय लगेगा। वजह है यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के साथ कंपनी का भूमि विवाद, जो फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लेनदारों की समिति ने बोली लगाने वालों से साफ कर दिया है कि अगर जमीन का केस कंपनी के पक्ष में जाता है तो उन्हें अतिरिक्त रकम चुकानी होगी।