वि.वि. तक नहीं पहुंचे परीक्षा फॉर्म, कोरियर कम्पनी देगी जुर्माना

punjabkesari.in Wednesday, Dec 13, 2017 - 10:21 AM (IST)

रायपुर: एक छात्रा व एक छात्र ने एम.ए. की परीक्षा देने के लिए फार्म भरा और कोरियर के माध्यम से यूनिर्विसटी भेजा। यूनिवॢसटी का एड्रैस चेंज हो जाने से लिफाफा वापस कोरियर में आ गया लेकिन कोरियर सॢवस के अधिकारी ने छात्र-छात्रा को लिफाफा वापस नहीं भेजा। जिसे सेवा में कमी मानते हुए उपभोक्ता फोरम ने कोरियर कम्पनी को रसीद के 11 रुपए लौटाने का आदेश दिया और साथ में 50,000 रुपए का हर्जाना भी ठोका।

क्या है मामला
बिलासपुर निवासी छात्रा अनादि शुक्ला (22) और छात्र अमित अंजनकर (24) ने 26 सितम्बर, 2014 को एम.ए. अंतिम परीक्षा का फार्म भरा तथा फीस अदा करके पावती सहित इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) रायपुर के नाम मधुर कोरियर कम्पनी से भेजा।

फार्म पहुंचने की तिथि 30 अक्तूबर, 2014 थी। जब विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं मिला तब 20 नवम्बर, 2014 को मधुर कोरियर में जाकर पूछताछ की। कोरियर ऑफिस में बताया गया कि संबंधित विश्वविद्यालय का पता बदल जाने के कारण लिफाफा 1 अक्तूबर, 2014 को वापस कार्यालय पहुंच गया था। दोनों ने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की।

यह कहा फोरम ने
जिला उपभोक्ता फोरम ने कोरियर कम्पनी को रसीद के मात्र 11 रुपए देने का आदेश दिया। राज्य आयोग में शिकायत करने पर आयोग के अध्यक्ष न्यायमूॢत आर.एस. शर्मा व सदस्य डी.के. पोद्दार एवं नरेन्द्र गुप्ता ने एक साल बर्बाद होने तथा भविष्य में प्रतियोगी परीक्षा में वंचित होने पर आदेश दिया कि मधुर कोरियर कम्पनी एक माह के भीतर दोनों छात्र-छात्रा को 25-25 हजार रुपए क्षतिर्पूति के रूप में प्रदान करेगी।

फोरम का कहना था कि कोरियर कम्पनी ने 50 दिनों तक लिफाफा अपने पास रखा। कम्पनी चाहती तो एक सप्ताह के भीतर सूचना दे सकती थी और छात्र-छात्रा पुन: आवेदन कर सकते थे।


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