सार्थक ब्याज दर परिवेश के लिए मुद्रास्फीति नीचे रहना जरूरी: RBI

punjabkesari.in Wednesday, Jan 11, 2017 - 06:54 PM (IST)

गांधीनगर: भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के गवर्नर उर्जित पटेल ने मुद्रास्फीति को निचले स्तर पर बनाए रखने पर जोर देते हुए आज कहा कि अर्थपूर्ण ब्याज दर ढांचे के लिए एेसा होना जरूरी है। इससे बेहतर वृद्धि के लिए निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।  

पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में हमारे लिये बेहतर नीतिगत व्यवस्था रखना महत्वपूर्ण है। वृहद आर्थिक स्थिरता  से अर्जित लाभों को गवांना काफी आसान है लेकिन इन्हें फिर से हासिल करना काफी धीमा तथा मुश्किल होती है।’’ उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि केंद्रीय बैंक ने पहले ही 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य को अधिसूचित कर दिया। पटेल ने कहा कि इस दिशा में प्रगति को देखते हुए कीमतों को सतत् रूप से नीचे रखने के लक्ष्य को पाने के प्रयास किए जाने चाहिए।   

राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि इसे अंकुश में रखना जरूरी है, क्योंकि केंद्र और राज्यों का संयुक्त ऋण जी-20 देशों में सबसे ऊंचा है। यह अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा देश की साख के उन्नयन में भी आड़े आ रहा है। गवर्नर ने कहा कि निचले राजकोषीय घाटे से जोखिम के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी और वित्तीय उतार-चढ़ाव में कमी लाई जा सकेगी, जो कि प्रतिकूल विदेशी वातावरण में और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पुनर्पूंजीकरण समर्थन जारी रखने की वकालत करते हुए कहा कि एक बेहतर पूंजी वाली घरेलू बैंकिंग प्रणाली से विभिन्न अंशधारकों को विदेशी आईएफएससी में भी कारोबार करने में मदद मिलती है।   गुजरात सरकार ने देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) यहां गिफ्ट सिटी में स्थापित किया है। यह दुनियाभर की कंपनियों को विश्वस्तरीय ढांचा, कनैक्टिविटी तथा प्रौद्योगिकी एक मंच पर उपलब्ध कराता है।   

गिफ्ट सिटी में आईएफएससी संभवत: अपनी तरह का पहला केंद्र है जो 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद शुरू हुआ है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि रिजर्व बैंक पिछले कुछ साल से सभी आईएफएससी अंशधारकों के साथ विभिन्न विषयों पर काम कर रहा है, जिससे गिफ्ट सिटी का विकास किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज हम प्रमुख आईएफएससी के बीच गहन प्रतिस्पर्धा देख रहे हैं जिससे वे अपनी कारोबारी क्षमता को बढ़ा सकें। 

गवर्नर ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन विशेषरूप से रेलवे तथा शहरी एमआरटीएस में निवेश से लागत घटाने तथा उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इससे हम तेल आयात का बिल घटा सकते हैं साथ ही अपने शहरों में हवा की गुणवत्ता में भी सुधार ला सकते हैं। 


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