शहरी बेरोजगारी दर 17 हफ्तों में पहली बार दोहरे अंकों में बढ़ी, जानें ग्रामीण भारत की स्थिति

punjabkesari.in Tuesday, Dec 14, 2021 - 05:18 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने देश में बेरोजगारी दर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी बेरोजगारी दर 17 सप्ताह में पहली बार दोहरे अंकों की दर से बढ़कर 12 दिसंबर को समाप्त हफ्ते के लिए 10.09 फीसदी हो गई, जिससे देश की कुल बेरोजगारी दर 9 हफ्ते के उच्च स्तर 8.53 फीसदी पर पहुंच गई। हफ्ते के दौरान ग्रामीण बेरोजगारी दर भी 9 हफ्ते के उच्च स्तर 7.42 फीसदी पर थी।

सीएमआईई के एमडी और सीईओ महेश व्यास के मुताबिक, हाई बेरोजगारी दर नौकरियों की मांग में बढ़ोतरी और पर्याप्त संख्या में रोजगार पैदा करने में अर्थव्यवस्था की अक्षमता को दर्शाती है। हालांकि, यह एक स्वागत योग्य संकेत है कि जैसे-जैसे बेरोजगारी दर बढ़ी है, वैसे-वैसे रोजगार दर भी बढ़ी है।

भारत में नौकरियों की गुणवत्ता में गिरावट
शहरी बेरोजगारी दर पिछले कुछ हफ्तों में बढ़ी हुई थी और नवंबर में बढ़ रही थी। नवंबर में शहरों और कस्बों में रोजगार में 9 लाख की गिरावट आई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अक्टूबर के स्तर से 23 लाख की बढ़ोतरी हुई। हाल के एक लेख में व्यास ने लिखा, शहरी नौकरियां यकीनन बेहतर वेतन प्रदान करती हैं और संगठित क्षेत्रों में उसका अधिक हिस्सा होता है। उनकी गिरावट का मतलब भारत में नौकरियों की समग्र गुणवत्ता में गिरावट है।

आर्थिक मामलों के विभाग ने नवंबर के लिए अपनी रिपोर्ट में कहा कि सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में 22 हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स में से 19 से मजबूत रिकवरी हुई है, क्योंकि उन्होंने पूर्व-कोविड (वित्त वर्ष 2020 के इसी महीने) के स्तर को पार कर लिया था. CMIE द्वारा नौकरियों के आंकड़े का मंत्रालय ने विरोध किया है. सरकारी प्रबंधकों द्वारा बताए जा रहे अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर से पूरी तरह सहमत नहीं है.

इन सेक्टर्स में घटी नौकरी
हाल के दिनों में शहरी बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के साथ एजुकेशन सेक्टर में नौकरियों में कटौती है। हालांकि, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारी उछाल देखा जा रहा है। ग्रामीण बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी के बीच, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MG-NREGS) के तहत रोजगार सृजन में भी गिरावट आई है। MG-NREGS डैशबोर्ड से पता चलता है कि सरकार की प्रमुख योजना के तहत उत्पन्न कार्य दिवस जून में 45 करोड़ से अधिक के अपने हाई से गिरकर इस साल अक्टूबर-नवंबर में 21-22 करोड़ हो गया। चालू माह के पहले 13 दिनों में यह और भी गिरकर मात्र 1.5 करोड़ रह गई।


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Content Writer

jyoti choudhary

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