IRCTC पर ट्रांजैक्शन फेल होने की घटनाएं 22 प्रतिशत बढ़ीं

punjabkesari.in Thursday, May 04, 2017 - 05:20 PM (IST)

मुंबईः देश में केंद्र सरकार डिजिटल बैंकिंग पर जोर दे रही है पर ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन करते समय लोगों को तकनीकी खामियों से जूझना पड़ रहा है। लगभग 1.02 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फेल हुए रेलवे की ई-टिकटिंग वेबसाइट इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आई.आर.सी.टी.सी.) पर पिछले वर्ष के मुकाबले वर्ष 2016-17 में ट्रांजेक्शन फेल होने की दर 22 प्रतिशत बढ़ तक गई है। आई.आर.सी.टी.सी. वेबसाइट के जरिए हर दिन लगभग 55 फीसदी आरक्षित टिकटों की बुकिंग होती है।

कुछ वर्षों पहले आई.आर.सी.टी.सी. ने अपना सिस्टम अपग्रेड किया था पर विशेषज्ञों की राय के मुताबिक यदि ट्रांजेक्शन फेल होने के रेट को शून्‍य फीसदी तक लाना है, तो आई.आर.सी.टी.सी. को अपना सिस्टम और बेहतर करना होगा। आर.टी.आई. के तहत मांगी गई जानकारी में आई.आर.सी.टी.सी. के जनरल मैनेजर (सूचना प्रद्योगिकी) मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि 2016-17 में लगभग 1.02 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फेल हुए थे जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 83.64 लाख था। 

आई.आर.सी.टी.सी. के तहत हुआ खुलासा 
जानकारी के मुताबिक आर.टी.आई.के तहत जानकारी मांगने वाले डोंबिवली निवासी राकेश दफ्तरी ने बताया कि मुझे कल्याण से कोयंबटूर के लिए तीन बर्थ बुक करनी थी। इस प्रक्रिया में तीन बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फेल हो गया और मेरे बैंक अकाउंट से पैसे कट गए। इस घटना के बाद मैंने यह जानने का फैसला किया कि मेरी तरह कितने लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन फेल होन जाने का शिकार हो जाते हैं। इस तरह फेल ट्रांजैक्शन होने के बाद आर.टी.आई. की ओर से बुकिंग करने वाले के बैंक खाते में 3-4 दिनों के अंदर पैसे जमा करा दिए जाते हैं पर कुछ मामलों में बुकिंग करने वालों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

फेल होने की संभावना शून्य हो जाती है 
आर.टी.आई. के जनसंपर्क अधिकारी संदीप दत्ता ने बताया कि ट्रांजेक्शन फेल होने का कारण कई बार बैंक के सर्वर पर भी निर्भर करता है। उन्‍होंने बताया कि हम अपने सिस्टम को अपग्रेड करने में जुटे हुए हैं। आर.टी.आई.के अनुसार यदि कोई बुकिंग करने वाला आईआरसीटीसी के वॉलेट से ट्रांजेक्शन करता है, तो फेल होने संभावना शून्य हो जाती है।


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