महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कसी कमर, रिफाइंड पॉम ऑयल पर आयात शुल्क घटाया
punjabkesari.in Tuesday, Dec 21, 2021 - 12:17 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः खाद्य पदार्थों कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। सरकार ने रिफाइंड पॉम ऑयल पर आयात ड्यूटी 5 फीसदी घटा दी है। साथ ही ड्यूटी फ्री तूर (अरहर) और उड़द का आयात 30 जून तक बढ़ा दिया है। जल्दी ही सरकार की तरफ से और कदम भी देखने को मिल सकते हैं। अब रिफाइंड पॉम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी 17.5 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दी गई है। यह संशोधित बेसिक कस्टम डयूटी मार्च 2022 के अंत तक लागू रहेगी।
बता दें कि इसके अलावा सरकार ने ट्रेडरों को बिना लाइसेंस के दिसंबर 2022 तक रिफाइंड पॉम ऑयल आयात करने की मंजूरी दे दी थी। रिफाइंड पॉम ऑयल पर कस्टम ड्यूटी की यह कटौती मंगलवार यानी आज से लागू होगी। महंगाई घटाने की इस कवायद घटाने के तहत बफर स्टॉक से दालें बाजार में बेची जाएंगी। दालों के आयात के लिए कई देशों से बातचीत जारी है। अच्छी बात यह है कि प्याज, टमाटर की कीमतें फिलहाल काबू में है। बाकी कीमतें काबू में रखने के लिए EGoM फैसला लेगी।
65% तेल आयात करता है भारत
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के मुताबिक, भारत में खाद्य तेल की खपत 22 से 22.5 मिलियन टन है। भारत इसका 65 फीसदी हिस्सा दूसरे देशों से आयात करता है। बता दें कि भारत मांग और घरेलू आपूर्ति के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए 13-15 मिलियन टन का आयात करता है।
बता दें कि इसके पहले कल सरकार ने जरुरी खाद्यानों की महंगाई पर नकेल कसने के लिए एक बड़े कदम का ऐलान किया था। बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए वित्त मंत्रालय ने 7 कमोडिटीज कि वायदा ट्रेडिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए थे। SEBI ने अपने आदेश से सभी पर 1 साल के लिए रोक लगा दी है। सरकार को उम्मीद है कि इससे महंगाई काबू में आएगी। इस सात कमोडिटीज में चावल, गेंहू, सरसों, चना, मूंग, कच्चा पॉम, सोयाबीन आयल जैसी कमोडिटी शामिल हैं। ये रोक 1 साल के लिए लगाई गई है।