थॉमस कुक ने बढ़ाई भारत की इस कंपनी की परेशानी, नाम बदलने पर कर रही विचार
punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 12:04 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैवल कंपनियों में शुमार थॉमस कुक दिवालिया हो गई है। थॉमस कुक के बंद होने से दुनियाभर में 6 लाख पर्यटक फंस गए हैं। हालांकि, 178 साल पुरानी ब्रिटेन की इस ट्रेवल कंपनी के दिवालिया होने का प्रभाव थॉमस कुक इंडिया पर नहीं पड़ेगा। भारत में संचालित होने वाली थॉमस कुक इंडिया लिमिटेड ने साफ किया है कि उसका इस कंपनी से कोई नाता नहीं है। लेकिन लोग जिस तरह से थॉमस कुक इंडिया को ब्रिटेन की दिवालिया हो चुकी कंपनी से जोड़ रहे हैं, उससे कंपनी अपना नाम बदलने पर भी विचार कर सकती है।
ब्रिटेन की कंपनी से कोई नाता नहीं
खबरों के अनुसार थॉमस कुक इंडिया की 77 फीसदी हिस्सेदारी साल 2012 में ही कनाडा के फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने थॉमस कुक यूके से खरीद ली थी। इसके बाद से ब्रिटेन की मूल कंपनी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। फिलहाल थॉमस कुक इंडिया में 67 फीसदी हिस्सेदारी मॉरिशस के फेयरब्रिज कैपिटल लिमिटेड की है, जो फेयरफैक्स के स्वामित्व वाली कंपनी है। बाकी कंपनी आम शेयरधारकों की है, चूंकि यह कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड हैं।
कर्ज मुक्त है थॉमस कुक इंडिया
थॉमस कुक इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर माधवन मेनन ने बताया कि कंपनी के पास 2024 तक थॉमस कुक ब्रैंड नाम इस्तेमाल करने का अधिकार है, लेकिन अगले दिनों में कंपनी इसकी समीक्षा कर सकती है। हम एक विस्तृत ट्रांजिशन योजना पर काम कर रहे हैं। थॉमस कुक इंडिया वित्तीय रूप से मजबूत है। 30 जून, 2019 तक कंपनी के पास 1,389 करोड़ रुपए की नकदी और नकदी जमा थी। कंपनी पूरी तरह कर्जमुक्त है। कंपनी के पास सालाना औसतन करीब 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी रहती है।
22 हजार लोग बेरोजगार
थॉमस कुक यूके के दिवालिया घोषित होने से कंपनी के 22 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं। 178 साल पुरानी कंपनी ने कारोबारी घाटे से उबरने के लिए कई तरह के प्रयास किए। कंपनी ने दिवालिया होने से बचने के लिए निजी निवेशकों से 25 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने की कोशिश की, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं हुई। दिवालिया होने के साथ ही उसके विमान खड़े हो गए और ट्रैवल एजेंसी बंद हो गई।