Adani Group की इस कंपनी को मिल रहा कई बैंकों का Support, एक खास प्रोजेक्ट में दिखा रहे रुचि
punjabkesari.in Friday, Nov 01, 2024 - 11:33 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः अडानी ग्रुप (Adani Group) की एक प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) को कई बैंकों का समर्थन मिल रहा है। ये बैंक इस कंपनी के एक खास प्रोजेक्ट में रुचि दिखा रहे हैं। हाल ही में अडानी एंटरप्राइजेज ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए जिसमें कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 664% की वृद्धि के साथ 1742 करोड़ रुपए पहुंच गया।
इस प्रोजेक्ट के लिए इन बैंकों ने लोन को साझा करने की इच्छा व्यक्त की है। इन बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा (Bob), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और एक्सिस बैंक शामिल हैं। ये बैंक अडानी एंटरप्राइजेज के विकास और संभावनाओं पर विश्वास कर रहे हैं और इसमें निवेश करने के इच्छुक हैं।
20 हजार करोड़ के लोन की दी थी मंजूरी
अडानी ग्रुप पेट्रोकेमिकल्स डेब्यू करने जा रहा है। यह ग्रुप का ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इस प्रोजेक्ट का प्रमुख ऋणदाता है। इस प्रोजेक्ट के लिए एसबीआई ने इस साल की शुरुआत में अडानी ग्रुप को 20 हजार करोड़ रुपए का लोन देने की मंजूरी दी थी। एसबीआई अब इस लोन का एक बड़ा हिस्सा बेचने की सोच रहा है। इस साल की शुरुआत में एसबीआई ने 15 साल के लोन की कीमत 9.25% रखी थी।
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क्या है प्रोजेक्ट?
कंपनी का यह प्रोजेक्ट गुजरात के मुंद्रा में है। इसकी लागत 4 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपए) बताई जा रही है। यह प्रोजेक्ट पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) से जुड़ा है। 2 मिलियन टन पीवीसी का यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप का पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में पहला कदम है। इससे भारत की प्लास्टिक पॉलीमर बनाने की क्षमता दोगुनी होने की उम्मीद है। इसका इस्तेमाल रेनकोट, तार, प्लास्टिक पाइप आदि चीजों के अलावा मेडिकल डिवाइस बनाने के लिए किया जाता है।
SBI को कुछ फायदा होगा?
लोन बेचने से बैंक को किसी विशेष इकाई के लिए अपने जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही ग्रुप की अन्य कंपनियों को लोन देने की स्थिति में अपनी सीमाएं भी खोल देता है। एसबीआई लोन को मुंद्रा गुजरात में अडानी एंटरप्राइजेज की ओर से स्थापित किए जाने वाले ग्रीनफील्ड पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) प्लांट के लिए स्वीकृत किया गया था।
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बैंक क्यों दिखा रहे रुचि?
जानकारों के मुताबिक अडानी ग्रुप का यह प्रोजेक्ट काफी बड़ा है। बैंकों के लिए इसका हिस्सा बनना दिलचस्प है क्योंकि यह एक हाई रेटेड क्रेडिट है। इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली चीजें, लोन की रकम और ग्रुप की क्रेडिट रेटिंग के कारण इतने सारे बैंक हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं।
पीवीसी के घरेलू विनिर्माण से भारत को आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। वहीं आर्थिक गतिविधि और उच्च बुनियादी ढांचे के खर्च से पीवीसी की मांग बढ़ने की उम्मीद है। अडानी को उम्मीद है कि प्रोजेक्ट का पहला चरण साल 2026 के अंत तक लागू हो जाएगा।