कोरोना वायरसः बदल जाएगा इकोनॉमी क्लास में ट्रैवल करने का अंदाज, जानिए क्या होंगे बदलाव

punjabkesari.in Sunday, Apr 26, 2020 - 11:11 AM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना वायरस महमारी के बाद हवाई यात्रा करना एक नया अनुभव लेकर आएगा। सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए एयरलाइंस में मिडिल सीट्स को हटाया जा सकता है। एयरप्लेन्स के इंटीरियर डिजाइन पर काम करने वाली एक कंपनी नए कॉन्सेप्ट्स लेकर आई है, जिसके तहत इकोनॉमी क्लास में कुछ संभावित बदलाव किए जा सकते हैं।

नए तरीके से डिजाइन किए गए सीट्स
इटालियन डिजाइनर्स Aviointeriors ने इकोनॉमी क्लास के लिए दो नए सीट डिजाइन कॉन्सेप्ट भी पेश किए हैं। इस डिजाइन को कुछ इस तरह से तैयार किया गया ताकि नई जरूरतों के आधार पर दो पैसेंजर्स के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा सके। इस डिजाइन की सबसे खास बात है कि इसमें ऑनबोर्ड स्पेस में ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया गया है।

क्या है नए डिजाइन की खूबी
इस कंपनी ने एक डिजाइन का नाम रोम के प्राचीन भगवान 'Janus' के नाम पर रखा है, जिसमें एक सीट पर ही दो तरफ से बैठने की सुविधा होगी और इसकी सफाई भी आसानी से की जा सकेगी। अगर इस कॉन्सेप्ट को एयरलाइन कंपनियां अपनाती हैं तो इन सीट्स को तैयार करने के​लिए सु​रक्षित मैटेरियल का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि हाइजिन का भी ख्याल रखा जा सके।

क्या है दूसरा डिजाइन?
प्रमुख तौर पर यह 3 पंक्तियों वाली सीट का सेटअप होगा जिसमें बीच में बैठने वाला पैसेंजर विपरित दिशा में बैठेगा। वहीं, इस पंक्ति में आइल और विंडो सीट पर बैठने वाले पैसेंजर एक दिशा में बैठेंगे। इस सेटअप की मदद से दो पैसेंजर्स के बीच पर्याप्त दूरी होगी। इसके अलावा दूसरे डिजाइन में हर सीट पर तीन तरफ से फिक्स्ड शील्ड भी लगाया जाएगा। ये शील्ड ट्रांसपेरेंट मैटेरियल से बनाए जाएंगे।
 
पड़ सकता है नियामकीय पेंच
हालांकि, अभी तक इस कंपनी ने साफ नहीं किया है कि इस डिजाइन की सीट्स को पूरे केबिन में लगाया जाएगा या नहीं। हालांकि, एक बात तो साफ है कि निकासी वाली पंक्ति में इस तरह की डिजाइन का इस्तेमाल रेग्युलेटरी नियमों की वजह से नहीं किया जा सकेगा। दरअसल, नियमों के मुताबिक एक्जिट पंक्ति में दो सीट्स के बीच में कम से कम 7 इंच का अंतर होना अनिवार्य होता है।
 
कितना लगेगा समय
एवियोइंटीरियर्स ने बताया कि जब एक बार ​सभी डिजाइन फेज को तैयार कर लिया जाएगा, उसके बाद इन्हें एविएशन रेग्युलेटर्स से मंजूरी लेनी होगी। कंपनी का कहना है कि अगले 8 से 11 महीनों में इस डिजाइन को रोलआउट किया जा सकता है।


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jyoti choudhary

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