सरकार ने निर्यात उत्पादों पर शुल्क, करों की वापसी योजना अगले साल मार्च तक बढ़ाई

punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 06:01 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने मंगलवार को 'निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की वापसी' (आरओडीटीईपी) योजना को छह महीने के लिए बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 तक कर दिया। निर्यातकों को राहत देने के लिए लाई गई यह योजना 30 सितंबर, 2025 को समाप्त होने वाली थी। जनवरी, 2021 में शुरू हुई आरओडीटीईपी योजना के तहत निर्यातकों को उन करों, शुल्कों और उपकरों को वापस कर दिया जाता है जो विनिर्माण एवं वितरण प्रक्रिया के दौरान लगते हैं और केंद्र, राज्य या स्थानीय स्तर पर अन्य किसी व्यवस्था से उनकी वापसी नहीं होती है। 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि घरेलू सीमा-शुल्क क्षेत्र के अलावा अग्रिम प्राधिकार धारकों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) और निर्यात-उन्मुख इकाइयों (ईओयू) को भी मार्च 2026 तक योजना का लाभ मिलता रहेगा। योजना के तहत संशोधित दरें यथावत लागू रहेंगी। वर्तमान में कर वापसी की दरें विभिन्न निर्यात उत्पादों के लिए 0.3 प्रतिशत से 3.9 प्रतिशत तक हैं। भारतीय निर्यातकों का शीर्ष निकाय फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘समय सीमा को आगे बढ़ाने का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब वैश्विक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं। इसने निर्यातकों के सामने बनी अनिश्चितता को दूर किया है जिससे उन्हें आत्मविश्वास के साथ निर्यात योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।'' 

रल्हन ने कहा कि योजना ने भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाई है और इसका आगे भी जारी रहना मौजूदा वैश्विक व्यापार परिदृश्य में गति बनाए रखने के लिए आवश्यक है। आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में भारत का निर्यात 6.7 प्रतिशत बढ़कर 35.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि आयात 10.12 प्रतिशत घटकर 61.59 अरब डॉलर रह गया। अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगने से भारतीय उत्पादों की बिक्री पर दबाव पहले से ही बना हुआ है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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