इन लोगों पर सरकार की नजर, कहीं आप भी तो नहीं इसमें शामिल

punjabkesari.in Sunday, Aug 06, 2017 - 01:02 PM (IST)

नई दिल्ली: सरकार की करीब 30,000 ऐसे मामलों पर टेढ़ी नजर है, जिनमें नोटबंदी के बाद काले धन को वाजिब रकम दिखाने के लिए आयकर (आई.टी.) रिटर्न फाइल किए गए हैं। सरकार इन मामलों की तह तक जाएगी। इस बीच 1 अगस्त तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार ऑनलाइन आई.टी.आर. भरने में 20 प्रतिशत तेजी आई है। इस अवधि तक वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 2.33 करोड़ लोगों ने कर दाखिल किए हैं, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1.92 करोड़ लोगों ने आई.टी.आर. दाखिल किए थे।
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आई.टी.आर. दाखिल करने के मामले में आई तेजी की वजह नोटबंदी, वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए कुछ दूसरे कदम हो सकते हैं। आई.टी.आर. भरने में आई तेजी पर केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने आंशिक जांच के लिए 30,000 मामलों की पहचान की है। इन मामलों में नोटबंदी के दौरान काला धन सफेद करने के लिए आई.टी.आर. भरे गए हैं। आयकर विभाग ने ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनके पास अचानक बड़ी मात्रा में रकम आई है या जिन्होंने पहली बार रिटर्न दाखिल कर बड़ी रकम दिखाई है।अधिकारी ने कहा, ‘‘आयकर भरने के कई मामलों में पास में रखी नकदी पिछले कुछ वर्षों के दौरान की आय से मेल नहीं खाती है। कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने पहली बार आई.टी.आर. दाखिल कर अपने पास 10 लाख या 20 लाख रुपए दिखाए हैं। आखिर इसे कैसे सही ठहराया जाएगा। ऐसे लोगों की जांच की जाएगी।’’

आय कर विभाग ने ऐसे लोगों की भी शिनाख्त की है, जिन्होंने पिछले दो वित्त वर्षों के आई.टी.आर. में संशोधन किए हैं। कर चोरों पर नकेल कसने के लिए आयकर विभाग ने ‘ऑप्रेशन क्लीन मनी’ की शुरुआत की है, जिससे 1 अगस्त तक ई-फाईलिंग में 20 प्रतिशत तेजी दर्ज हुई है। पिछले साल के मुकाबले यह 10 प्रतिशत अधिक है। आयकर विभाग ने 9.8 लाख करोड़ रुपए कर संग्रह का लक्ष्य रखा है। यानी संग्रह लक्ष्य 15.7 प्रतिशत अधिक रखा गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष यह लक्ष्य 14.3 प्रतिशत बढ़ाया गया था।
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मौजूदा वित्त वर्ष से 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की आय पर आय कर दर 10 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत की गई है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अग्रिम कर भुगतान में 40 प्रतिशत तेजी दर्ज हुई है। नोटबंदी इसकी एक वजह मानी जा रही है क्योंकि बहीखातों में आय में अधिक बढ़ौतरी देखी जा रही है। नोटबंदी के बाद कर विभाग ने इस साल मार्च तक 900 समूहों के लोगों पर छापे मारे हैं, जिनसे 900 करोड़ रुपए जब्त हुए हैं, साथ ही 7,961 करोड़ रुपए के काले धन होने का भी पता चला है। 


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