अब नहीं चलेगी बिल्डर की बदमाशी, ये है वजह

punjabkesari.in Wednesday, Apr 26, 2017 - 11:00 AM (IST)

नई दिल्लीः पूरे देश के घर खरीदारों को जिसका इंतजार है वो बस होने ही वाला है। 1 मई से देश में रियल एस्टेट रेगुलेटर काम करना शुरू कर देगा। कुछ राज्य वक्त पर तो कुछ थोड़ा देर से लेकिन रियल एस्टेट रेगुलेटर को अपने यहां लागू कर देंगे। उम्मीद यही है कि रेरा आने के बाद घर खरीदारों को एक नई ताकत मिलेगी और रियल एस्टेट इंडस्ट्री में जिस पारदर्शिता और अनुशासन की जरूरत है वो देखने को मिलेगी।

घर खरीदारों को हासिल  होगी नई ताकत
1 मई से पूरे देश में रेरा लागू होना है और रियल एस्टेट रेगुलेटर की तैयारी अंतिम चरण में है। रेरा को लेकर सभी राज्यों में तैयारियां जोरों पर हैं। 13 राज्यों ने रेरा के नियमों को नोटिफाई किया है, जबकि अन्य राज्यों में ड्राफ्ट लेवल पर काम जारी है। रियल एस्टेट रेगुलेटर से बिल्डरों पर लगाम कसेगी और घर खरीदारों को नई ताकत हासिल होगी। हर राज्य में अपीलेट ट्रिब्यूनल बनेगा और सभी प्रोजेक्ट अथॉरिटी में रजिस्टर होंगे। रेरा लागू होने के बाद घर कार्पेट एरिया पर ही बिकेंगे। रियल एस्टेट रेगुलेटर के नियमों के तहत बिना रजिस्ट्रेशन के प्रोजेक्ट नहीं बिकेंगे और बिना रजिस्ट्रेशन विज्ञापन नहीं होगा। जरूरी मंजूरियों के बाद ही प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी वेबसाइट पर डालनी होगी। साथ ही प्रोजेक्ट के लिए अलग से एस्क्रो अकाउंट भी बनाना होगा और एस्क्रो अकाउंट में 70 फीसदी पैसा रखना होगा। प्रॉपर्टी ब्रोकर भी रियल एस्टेट रेगुलेटर के दायरे में आएंगे।

लेट पेमेंट पर होगा मनमाना जुर्माना
रियल एस्टेट रेगुलेटर के नियमों के तहत बिल्डर को 5 साल तक प्रोजेक्ट के मरम्मत का जिम्मा उठाने का प्रावधान किया गया है, इसके अलावा बिल्डर लेट पेमेंट पर मनमाना जुर्माना भी नहीं वसूल पाएंगे। बिल्डर की मर्जी से डील कैंसिल नहीं होगी और बिल्डर ओपन पार्किंग नहीं बेच सकेंगे। घर खरीदारों के साथ एकतरफा एग्रीमेंट नहीं बनेंगे। रेगुलेटर की बात न मानने पर जर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रोजेक्ट कीमत का 5-10 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है।


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