टैलीकॉम कम्पनियों पर अधिक कर्ज है तो शेयर बेचकर फंड क्यों नहीं जुटाती?

punjabkesari.in Monday, May 23, 2016 - 01:02 PM (IST)

नई दिल्लीः अगर टैलीकॉम कम्पनियों को लगता है कि स्पैक्ट्रम खरीदने के लिए उन्होंने बहुत अधिक कर्ज ले लिया है तो उन्हें रकम चुकाने के लिए अपने शेयर बेचने चाहिए। टैलीकॉम सैक्रेटरी जे.एस.दीपक ने यह बात कही है। उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई के ऑक्शन में एयरवेव्स की कमी नहीं होगी। 

 

जनवरी में टैलीकॉम सैक्रेटरी बने दीपक ने अपने पहले इंटरव्यू में कहा कि टैलीकॉम ऐसी इंडस्ट्री है, जिसमें बहुत अधिक निवेश करना पड़ता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री अभी मुनाफे में है। उसके पास सरप्लस कैश आ रहा है, जिसे स्पैक्ट्रम और नैटवर्क क्वॉलिटी सुधारने में लगाया जाना चाहिए। टैलीकॉम मिनिस्ट्री में 57 साल के टॉप ब्यूरोक्रेट ने कहा, ''इस साल जो स्पैक्ट्रम नीलाम किया जा रहा है, उसकी कम्पनियां मांग कर रही थीं। इसलिए उन्हें इसकी कीमत चुकाने को तैयार रहना चाहिए।'' 

 

दीपक ने कहा, ''यह नीलामी जुलाई में होनी है और उसकी तैयारी चल रही है।'' इंडस्ट्री और एनालिस्टों ने 700Mhz स्पैक्ट्रम के बेस प्राइस को ज्यादा बताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे नीलामी पर बुरा असर पड़ सकता है। इस आलोचना के जवाब में दीपक ने यह बात कही। 700Mhz स्पैक्ट्रम को सबसे एफिशिएंट माना जाता है। यह 4जी सर्विसेज के लिए स्टेबल है। 

 

टैलीकॉम डिपार्टमेंट ने इस साल सबसे बड़े स्पैक्ट्रम ऑक्शन को मंजूरी दी है। इसमें 700Mhz बैंड में पहली बार 4जी एयरवेव्स को नीलाम किया जा रहा है। पूरे देश के लिए इसके 1 Mhz का बेस प्राइस 11,485 करोड़ रुपए रखा गया है। यह आज तक की सबसे अधिक कीमत है। डिपार्टमेंट ने 5Mhz के ब्लॉक साइज में नीलामी की सिफारिश की है। ऐसे में पूरे देश के लिए इस बैंड में शुरूआती बोली 57,425 करोड़ रुपए होगी। 

 

कम्पनियों का कहना है कि टैलीकॉम इंडस्ट्री पर 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। उनका कहना है कि इतनी अधिक कीमत पर स्पैक्ट्रम खरीदने से उनके लिए नैटवर्क में इनवेस्टमेंट करना मुश्किल हो जाएगा। बेस प्राइस अधिक होने से बैलेंस शीट प्रभावित होगी और क्वॉलिटी ऑफ सर्विस में गिरावट आएगी। हालांकि, दीपक को उनकी यह दलील ठीक नहीं लग रही है। 

 

उन्होंने सुझाव दिया, ''टैलीकॉम इंडस्ट्री में काफी पैसा लगाना पड़ता है। इसलिए इनवेस्टमेंट किया जाना चाहिए। अगर कम्पनियों को लगता है कि उन पर बहुत अधिक कर्ज है तो उन्हें इक्विटी के रास्ते और पूंजी लानी चाहिए। कुछ कम्पनियों पर अधिक कर्ज हो सकता है।'' उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री 15 फीसदी की रफ्तार से ग्रो कर रही है। प्रीमियम डेटा सर्विस से भविष्य में तेज ग्रोथ के मौके बने हुए हैं। दीपक ने कहा, ''कम्पनियां जो सरप्लस कैश जेनरेट करती हैं, उससे उन्हें इनवेस्टमेंट में मदद मिलेगी।''


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