स्विस बैंक खाताधारकों पर शिकंजा, 30 सितंबर से पहले हो जाएगा काला धन रखने वालों का खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2019 - 11:22 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः स्विस बैंक में भारतीयों के खातों से जानकारियां अब आधिकारिक तौर पर भारत को मिलने ही वाली हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, 30 सितंबर से पहले भारत और स्विट्जरलैंड इन सभी जानकारियों को सांझा करेंगे। इसमें खास बात यह हैं कि सूचनाएं आदान-प्रदान करने के लिए स्विट्जरलैंड की संसदीय प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। इस समझौते के तहत अब बैंक से जुड़ी सूचनाएं शेयर करने का रास्ता साफ हो गया है।

आपको बता दें कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुआ समझौता जनवरी 2018 से प्रभावी हो गया है। दोनों देशों ने ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन (AEOI) समझौते पर हस्ताक्षर किए है।

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अब क्या होगा
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारत स्थित फॉरेन टैक्सेशन ऐंड टैक्स रिसर्च (FT&TR) के अधिकारियों का कहना है कि इस समझौते के तहत सूचनाएं हासिल करने के लिए भारत पूरी तरह तैयार हैं। इसके लिए सभी खास इंतजाम पूरे हो चुके हैं।

  • स्विस बैंक के अकाउंट होल्डर्स की सूचनाएं मिलने के बाद इसका मिलान उनके टैक्स रिटर्न से किया जाएगा और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
  • मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारत समेत 73 देशों के साथ स्विट्जरलैंड का AEOI समझौता हुआ है। इसीलिए अब वह उन बैंक खातों की जानकारी इस साल शेयर करेगा।
  • यह समझौता पिछले साल 36 देशों के साथ लागू किया गया है।

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सरकार ला रही है ब्लैकमनी के लिए फिर से स्कीम
केंद्र की मोदी सरकार फिर से ब्लैकमनी रखने वालों को एक और मौका देने की तैयारी में है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट प्रस्ताव में इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 को दोबारा खोले जाने का प्रस्ताव दिया है।

  • यह स्कीम उन लोगों के लिए खोली जाएगी, जिन्होंने इस स्कीम के तहत अपनी बेहिसाब संपति का खुलासा तो किया था लेकिन तय तारीख तक टैक्स, सरचार्ज और पेनाल्टी का भुगतान नहीं किया था।
  • आपको बता दें कि इससे पहले इनकम डेक्लेरेशन स्कीम, 2016 काला धन रखने वाले लोगों के लिए 1 जून 2016 को खुली थी।
  • इसमें लोगों को तय फॉर्म को ऑनलाइन या प्रिंटेड फॉर्म भरकर 30 सितंबर, 2016 की आधी रात तक बेहिसाब संपत्ति का खुलासा करने को कहा गया था। तब 64275 लोगों ने इस स्कीम का फायदा उठाया था। कुल 65,250 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की गई थी।
  • यह कैश या अन्य रूप में थी। ऐसे लोगों को इस संपत्ति पर 30 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना था। इस पर 25 फीसदी का सरचार्ज भी देना था। इसके अलावा टैक्स का 25 फीसदी पेनाल्टी के रूप में चुकाना था।

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क्या होती है ब्लैकमनी
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) का कहना है कि काला धन (ब्लैकमनी) वह इनकम होती है जिस पर टैक्स की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी जाती है।
किडनैपिंग, स्मगलिंग, पोचिंग, ड्रग्स, अवैध माइनिंग, जालसाजी और घोटाले, भ्रष्टाचार, पब्लिक ऑफिसर की रिश्वतखोरी और चोरी के जरिए इसे हासिल किया जाता है।
इसके अलावा कई बार टैक्स बचाने के लिए इनकम की जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट नहीं देना। इसी वजह से सबसे ज्यादा काला धन पैदा होता है।
 


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jyoti choudhary

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