1,000 करोड़ रुपए के घोटाले पर शिकंजा और कसा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 14, 2016 - 01:26 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (एस.आई.टी.) ने भारत से बासमती के निर्यात में 1,000 करोड़ रुपए के घोटाले में शिकंजा और कस दिया है। इस मामले की जांच इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) और इन्कम टैक्स (आई.टी) डिपार्टमैंट को करने के निर्देश दिए। इस मामले में इस फंड का इस्तेमाल टैरर एक्टिविटीज (आतंकी गतिविधियों) में होने की आशंका भी जताई जा रही है।

जांच की निगरानी के लिए बनी है एस.आई.टी.
बासमती घोटाले में मनी लॉङ्क्षन्ड्रग के आरोप हैं। डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ  रैवेन्यू इंटैलीजैंस यानी डी.आर.आई. ने घोटाले का खुलासा किया था। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निगरानी के लिए एस.आई.टी. का गठन किया था। एस.आई.टी. ने ई.डी. और आई.टी. विभाग से मामले की जांच के अलावा इससे फायदा मिलने वाले लोगों की जांच को भी कहा है। एस.आई.टी. की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एम.बी. शाह कर रहे हैं।

हरियाणा और पंजाब के ट्रेडर डी.आर.आई. की राडार पर
दिलचस्प बात यह है कि इन निर्यातकों के पास पेमैंट का विवरण भी ईरान का है। चावल के अंतिम उपयोग को लेकर एजैंसियों के पास अभी भी कोई जवाब नहीं है। ट्रेडर्स को इसका भुगतान भी रुपए में किया गया है। एजैंसियों को शक है कि इससे मिले फंड का इस्तेमाल आतंकवाद जैसी गतिविधियों की फंडिंग में हो सकता है। जांच एजैंसियां इससे मिलने वाले पैसे की जांच ब्लैक मनी के एंगल से कर रही हैं। इस मामले में हरियाणा और पंजाब के 25 से ज्यादा ट्रेडर डी.आर.आई. की राडार पर हैं।

क्या है मामला 

वर्ष 2014-15 में 2 लाख टन से ज्यादा बासमती चावल अवैध रूप से दुबई उतारने का आरोप है। इस बासमती चावल को ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर उतारना था। सूत्रों के मुताबिक बासमती चावल को गुजरात के कांडला बंदरगाह पर लाया गया जहां कस्टम विभाग के सामने कागजात और शिपिंग बिल में  चावल को ईरान निर्यात करने की बात कही गई लेकिन बीच समुद्र में ही इसे ईरान की बजाय दुबई पहुंचा दिया गया।


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