अक्टूबर-अप्रैल में चीनी उत्पादन 20% घटा, बीते दो महीनों में बिक्री 10 लाख टन घटी

punjabkesari.in Saturday, May 02, 2020 - 06:08 PM (IST)

नई दिल्लीः गन्ना उत्पादन में कमी के कारण चालू विपणन वर्ष में अप्रैल तक भारत का चीनी उत्पादन 20 प्रतिशत घटकर 258.01 लाख टन रह गया, जबकि लॉकडाउन के कारण, विगत दो माह के दौरान चीनी बिक्री में गिरावट आई। चीनी उद्योग के संगठन इस्मा ने यह जानकारी दी। विपणन वर्ष 2018-19 की समान अवधि (अक्टूबर-अप्रैल) में 321.71 लाख टन का चीनी उत्पादन हुआ था।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश भर में लागू ‘लॉकडाऊन' के कारण मार्च और अप्रैल के दौरान चीनी की बिक्री में 10 लाख टन की गिरावट आई। इस्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘देश भर की चीनी मिलों ने एक अक्टूबर, 2019 और 30 अप्रैल, 2020 के बीच 258.01 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। यह पिछले साल के समान समय में उत्पादित 321.71 लाख टन से लगभग 63.70 लाख टन कम है।'' मौजूदा समय में 90 चीनी मिलों में काम चालू है। 

इस्मा ने विपणन वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन घटकर 260 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है जो पिछले वर्ष में लगभग 330 लाख टन था। इस वर्ष परिचालन करने वाली 119 मिलों में से, 44 मिलों ने अपने पेराई काम को खत्म कर दिया है, जबकि 75 मिलें अभी भी चल रही हैं। इस्मा ने कहा, ‘‘मिलों और बंदरगाहों से उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 35 लाख टन चीनी मिलों से निर्यात के लिए चली गई है।''

एसोसिएशन ने कहा कि इंडोनेशिया और ईरान को निर्यात की बड़ी मात्रा के साथ विभिन्न गंतव्यों के लिए चीनी के निर्यात के अनुबंधों पर फिर से हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘निर्यात जारी है और आने वाले दिनों में इसके और सामान्य होने की उम्मीद है।'' घरेलू बिक्री के बारे में, इस्मा ने कहा कि विपणन वर्ष 2019-20 में फरवरी तक मिलों ने 10 लाख टन अधिक चीनी बेची। 

इस्मा ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के कारण, मार्च और अप्रैल, 2020 में चीनी की बिक्री पिछले साल की तुलना में लगभग 10 लाख टन कम रही।'' खबरों के मुताबिक चीनी मिलों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में चीनी उठाव में बढ़ोतरी की है। बयान के मुताबिक ऐसी उम्मीद है कि लॉकडाऊन खत्म होने के बाद चीनी मांग बढ़ेगी। खासकर व्यापारियों की मांग में इजाफा होगा। इसके अलावा गर्मियों की मांग के कारण पेय पदार्थों, आइसक्रीम, जूस आदि की खपत में वृद्धि होगी।
 


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jyoti choudhary

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