देश से चीनी निर्यात अब तक 9.5 लाख टन: इस्मा

Wednesday, Feb 17, 2016 - 05:15 PM (IST)

नई दिल्ली: निजी चीनी मिलों के मंच भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने आज कहा कि अक्तूबर से शुरू चालू चीनी विपणन वर्ष में 9.5 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है। इस्मा ने वैश्विक चीनी बाजार में नरमी पर चिंता जताई है। 

 

इस्मा ने एक बयान में कहा है कि भारत में चीनी का उत्पादन 15 फरवरी तक एक करोड़ 73.3 लाख टन के स्तर पर पहुंच चुका था। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के एक करोड़ 67.2 लाख टन के उत्पादन के मुकाबले 3.64 प्रतिशत अधिक है। भारत ब्राजील के बाद चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 

 

इस्मा ने चालू विपणन वर्ष में चीनी उत्पादन के अनुमान को 10 लाख टन घटाकर 2.6 करोड़ टन किया है। यह सरकार के अनुमान के अनुरूप है। वर्ष 2014-15 में चीनी उत्पादन 2 करोड़ 83 लाख टन हुआ था। इस्मा ने कहा, "सरकार के द्वारा निर्यात के लिए निर्धारित 40 लाख टन के कोटा के मुकाबले देश भर में चीनी मिलों के द्वारा निर्यात के लिए करीब साढ़े 9 लाख टन चीनी की खेप भेजी गई है।" इसमें कहा गया है कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के साथ आगे निर्यात के लिए खेप भेजने की गति धीमी हुई है। इसके अलावा सभी चीनी मिलों को बैंकों की उधारी के साथ साथ किसानों को गन्ना की कीमतों का भुगतान को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

 

इस्मा द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अब तक 511 में से 39 चीनी मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है। महाराष्ट्र में उत्पादन में कमी आई है। इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र में 33 चीनी मिलें, कर्नाटक में चर मिलें तथा गुजरात और उत्तर प्रदेश में एक एक चीनी मिल ने चालू वर्ष के लिए अपने पेराई अभियान को बंद कर दिया है।  

 

देश में चीनी के अग्रणी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन चालू विपणन वर्ष में अक्तूबर से 15 फरवरी की अवधि के दौरान 3.5 प्रतिशत घटकर 62.7 लाख टन रह गया जो वर्ष भर पूर्व की समान अवधि में 65 लाख टन का हुआ था। देश में दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य, उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन समीक्षाधीन अवधि में बढ़कर 45.5 लाख टन हो गया जो पहले 42.2 लाख टन था। जबकि कर्नाटक में उत्पादन पहले के 28-5 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 32.2 लाख टन हो गया।  

 

गुजरात में चीनी उत्पादन चालू वर्ष के पहले साढ़े 4 महीनों में बढ़कर 8 लाख टन हो गया जो पहले 7.2 लाख टन ही था। जबकि पंजाब में यह उत्पादन मामूली सुधार के साथ 3.5 लाख टन हो गया है जो पहले 3.1 लाख टन था। इस्मा के अनुसार इस वर्ष चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन होने का अनुमान है जो घरेलू मांग को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त है।

 

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