चीन के स्टील हब टेंगशैन में सख्ती का भारत में भी असर, सिंगापुर में भी आयरन ओर 11% टूटा

punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 01:45 PM (IST)

मुम्बईः चीन के कमोडिटी एक्सचेंजों में आयरन ओर के काल्पनिक कारोबार (स्पैकुलेटिव ट्रेडिंग) से बढ़ रहे दामों को काबू करने के लिए उठाए गए एक कदम का शुक्रवार को भारत के शेयर बाजार में मैटल स्टॉक्स पर सीधा असर पड़ा।

गुरुवार को आए स्टील कंपनियों के अच्छे नतीजों के बावजूद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मैटल इंडैक्स 3.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5703.92 लुढ़क कर 18,777.06 अंकों पर बंद हुआ। हालांकि शुक्रवार को सैंसेक्स में इतनी गिरावट नहीं आई। 41.75 अंकों की तेजी के साथ 48,732.55 पर बंद हुआ और निफ्टी भी महज 18.70 अंकों की गिरावट के साथ 14,677.80 अंकों पर बंद हुआ लेकिन मैटल इंटेक्स के शेयर नौ फीसदी तक टूट गए।

कारोबारी सत्र के दौरान मैटल इंडैक्स एक बार तो 18332 पर पहुंच गया था लेकिन बाद में इसमें 445 अंकों का सुधार देखने को मिला।

चीन की सख्ती, आयरन ओर 10 प्रतिशत गिरा
चीन में स्टील की भारी मांग के बीच आयरन ओर की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद चीन के कमोडिटी एक्सचेंज में इसकी कीमतों पर काबू करने के लिए आयरन के हब कहे जाते टॅगशैन शहर में स्टील उत्पादकों पर आयरन ओर की स्पैकलेटिव ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई। चीन के कुल स्टील उत्पादन में टेंगशैन की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है और यह चीन का बड़ा स्टील हब है।

सरकार ने स्टील ट्रेडरों को स्पष्ट किया है कि यदि उन्होंने फर्जी तरीके से कीमतें बढ़ाने की कोई भी गतिविधि की तो उनका लाइसैंस रह कर दिया जाएगा। स्टील ट्रेडरों पर रोक लगाए जाने के सख्त फैसले के बाद कमोडिटी एक्सचेंज डेलियन पर आयरन ओर का फीचर 10 फीसदी लुढ़क गया जबकि सिंगापुर में भी इसका असर हुआ वहां आयरन ओर के फीचर में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। चीन की स्टेट काउंसिल के प्रीमियर ली की क्वैग ने पिछले सप्ताह ही चीन की सरकार को स्टील की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने की मांग की थी।

स्टील कीमतों को लेकर कदम उठाएंगे
स्टील काऊंसिल इस बीच चीन की स्टील काउंसिल ने कहा है कि होल की कीमतों को लेकर नीति बनाने वाले नीति निर्धारकों और स्टील उत्पादकों के साथ तालमेल के साथ काम करेगी और आने वाले दिनों में इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। हालांकि काउंसिल ने उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तार के साथ जानकारी। नहीं दी है। दरअसल चीन में मार्च महीने की तिमाही में स्टील उत्पादकों द्वारा निर्माण में कटौती किए जाने के बाद स्टील की किल्लत पैदा हुई है और इस से दाम बढ़ रहे हैं क्योंकि चीन में स्टील की मांग बढ़ती जा रही है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव के कारण भी चीन में स्टल उत्पादन ठंडा पड़ा है। क्योंकि स्टील निर्माताओं को भारत से मांग में कमी और निर्यात में गिरावट का अंदेशा है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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