भारत में स्टार्टअप फंडिंग 2016 में 8 बिलियन USD से बढ़कर 115 बिलियन USD हुई: DPIIT

punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्लीः उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के मौके पर भारतीय स्टार्टअप्स के प्रदर्शन के आंकड़े जारी किए। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 2016 से लेकर अब तक भारत में पंजीकृत स्टार्टअप्स की संख्या 400 से बढ़कर 2024 के अंत तक 1.57 लाख से अधिक हो गई है। वहीं, स्टार्टअप नीति बनाने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 2016 में 4 से बढ़कर 31 हो गई है।

फंडिंग क्षेत्र में भी बड़ा उछाल देखा गया है, जो 2016 में 8 बिलियन USD से बढ़कर अब 115 बिलियन USD तक पहुंच गया है। DPIIT के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप्स ने 1.7 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित किए हैं। यूनिकॉर्न्स की संख्या भी काफी बढ़ी है, 2016 में जहां ये 8 थीं, अब ये 118 हो गई हैं। यूनिकॉर्न्स वे स्टार्टअप्स होते हैं जिनकी कीमत कम से कम एक बिलियन डॉलर होती है और जो अभी तक सार्वजनिक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध नहीं हुए हैं।

अब भारत के 750 से अधिक जिलों में लोग स्टार्टअप्स चला रहे हैं, जबकि पहले ये संख्या सिर्फ 120 थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टार्टअप इंडिया पहल 16 जनवरी 2016 को शुरू की गई थी।

स्टार्टअप इकोसिस्टम को गति देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं और इंटरवेंशन शुरू किए हैं, जिनमें स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना, फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स, क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स, 3 साल तक आयकर छूट, स्टार्टअप्स के लिए तेज़ निकासी प्रक्रिया और बौद्धिक संपदा संरक्षण जैसी योजनाएं शामिल हैं।

1 अप्रैल 2016 के बाद स्थापित स्टार्टअप्स आयकर छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो स्टार्टअप्स इंटर-मंत्रालयी बोर्ड प्रमाणपत्र प्राप्त करते हैं, उन्हें 10 सालों में से 3 साल तक आयकर से छूट मिलती है। सरकार ने स्टार्टअप्स को 'फास्ट ट्रैक कंपनियां' घोषित किया है, जिससे उन्हें 180 दिनों के मुकाबले 90 दिनों के भीतर अपनी ऑपरेशंस बंद करने की अनुमति मिलती है। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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