‘कोल एक्सचेंज'' की योजना, मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने पर काम जारी
punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2024 - 03:22 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः कोयला क्षेत्र में आगामी वर्ष 2025 में अनेक गतिविधियां होने की संभावना है, जिनमें पहली बार ‘कोल एक्सचेंज' शुरू करने से लेकर अर्थव्यवस्था की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कोयले के व्यापार तथा दर निर्धारण को सुगम बनाना शामिल है। सरकार कोयला गैसीकरण के क्षेत्र में भी अधिक काम करने का इरादा रखती है क्योंकि यह ऊर्जा बदलाव के लिए उच्च प्राथमिकता सूची में है। कोयला गैसीकरण कोयले को जलाने की तुलना में अधिक स्वच्छ विकल्प है क्योंकि यह इसके रासायनिक गुणों के उपयोग की सुविधा प्रदान करता है।
कोयला अतिरिक्त सचिव रूपिंदर बरार ने कहा, ‘‘कोयले की मांग अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार को देखते हुए भारत में मांग में वृद्धि देख रहे हैं... इसलिए निश्चित रूप से कोयले की भी आवश्यकता होगी और हम इसके प्रति सचेत हैं तथा इस दिशा में काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन को लगातार बढ़ाने और इसे मांग के अनुरूप लाने का प्रयास किया जाएगा। नये वर्ष में अपने मंत्रालय के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताते हुए बरार ने कहा कि सरकार एक टिकाऊ कोयला क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है, जो पर्यावरणीय स्थिरता को कोयले पर निर्भर समुदायों के कुशलक्षेम के साथ संतुलित करेगी।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और इसकी अनुषंगी कंपनियों के साथ-साथ वाणिज्यिक तथा निजी इस्तेमाल वाली खदानों में उत्पादन दर में उत्कृष्ट वृद्धि देखी गई है। कोयला मंत्रालय को उम्मीद है कि आगामी वर्ष में यह वृद्धि जारी रहेगी। डेलॉयट इंडिया के अनुसार, देश में थर्मल कोयले का उत्पादन 8-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण खुदरा और वाणिज्यिक स्रोतों से बिजली की खपत में वृद्धि है। यह वृद्धि निजी इस्तेमाल वाली खदानों द्वारा संचालित होने की उम्मीद है, जिससे उत्पादन बढ़कर 17.5 करोड़ टन होने की संभावना है।
डेलॉयट इंडिया के साझेदार राजीब मैत्रा ने कहा, ‘‘भारत का थर्मल कोयला आयात 2025 में 20-21 करोड़ टन के आसपास स्थिर रहने की उम्मीद है।'' कोयला मंत्रालय की 2024-25 की कार्ययोजना के अनुसार, देश में ‘कोल एक्सचेंज' की स्थापना से ऑनलाइन व्यापार मंचों के माध्यम से बाजार खुल जाएगा। साथ ही समाशोधन तथा निपटान तंत्र भी स्थापित होगा। कोयले की आसान उपलब्धता सुनिश्चित होगी। ‘कोल एक्सचेंज' की स्थापना के वास्ते मंत्रिमंडल के लिए मसौदा नोट को पहले ही अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए प्रसारित किया जा चुका है।