जनवरी-फरवरी में स्टार्टअप फंडिंग 1 अरब डॉलर के पार, ‘मच्योर’ कंपनियों को ग्रोथ कैपिटल का सहारा

punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 05:24 PM (IST)

चेन्नई: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में ‘ग्रोथ-पीई’ (Growth-PE) स्टेज की कंपनियों को प्राइवेट इक्विटी-वेंचर कैपिटल (PE-VC) निवेशकों से मजबूत समर्थन मिल रहा है। यह ट्रेंड 2025 के बाकी महीनों में भी जारी रहने की संभावना है, जिससे यह साफ होता है कि निवेशक बाजार में अनिश्चितताओं के बीच जोखिम को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

रिसर्च फर्म Venture Intelligence द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी और फरवरी 2025 में ग्रोथ-पीई स्टेज कंपनियों में PE-VC निवेश दोगुना बढ़कर 1.1 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल इसी अवधि (2024) में 594 मिलियन डॉलर था। इन आंकड़ों में रियल एस्टेट सेक्टर के निवेश शामिल नहीं हैं।

Venture Intelligence के संस्थापक अरुण नटराजन ने बताया, "बीते कुछ महीनों में मच्योर स्टार्टअप्स और बड़ी कंपनियों द्वारा ग्रोथ कैपिटल के लिए PE-VC निवेशकों का सहारा लेने की प्रवृत्ति बढ़ी है। उदाहरण के लिए, Infra.Market, Leap Finance, Captain Fresh और Rapido जैसी स्टार्टअप्स ने ग्रोथ कैपिटल जुटाई है। वहीं, Akasa Air और Neuberg Diagnostics जैसी बड़ी कंपनियों ने भी ग्रोथ कैपिटल के लिए PE निवेशकों के साथ साझेदारी की है।"

ग्रोथ-पीई सेगमेंट उन निवेशों को दर्शाता है जो Seed से लेकर Series D तक 20 मिलियन डॉलर से अधिक के होते हैं और उन कंपनियों में किए जाते हैं जो 10 साल से कम पुरानी होती हैं। साथ ही, Series E से Series F तक के संस्थागत निवेश भी इसमें शामिल होते हैं, बशर्ते कंपनी एक दशक से अधिक पुरानी न हो।


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Content Writer

jyoti choudhary

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