लिवाली से गुलजार हुआ बाजार

Monday, Aug 29, 2016 - 04:55 PM (IST)

मुंबईः अमरीकी फेडरल रिजर्व के सितंबर में ब्याज दरें बढ़ाने की उम्मीद बरकरार रहने के बावजूद ऑटो एवं इंडस्ट्रियल्स समेत अन्य समूहों में हुई जबरदस्त लिवाली के दम पर आज घरेलू शेयर बाजार हरे निशान में रहे। बी.एस.ई. का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स 120.41 अंक यानी 0.43 फीसदी मजबूत होकर 27,902.66 अंक पर बंद हुआ। 

 

नैशनल सटॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) का निफ्टी भी 34.90 अंक अर्थात् 0.41 फीसदी चढ़कर 8,600 के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 8,607.45 अंक पर रहा। विदेशी बाजारों में आज अमरीकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ौतरी की उम्मीद बरकरार रहने का असर दिखा और अधिकांश बाजार नकारात्मक रहे। एशियाई बाजारों में एकमात्र जापान का निक्की 2.30 प्रतिशत मजबूत रहा। हांगकांग का हैंगसेंग 0.38 और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.25 प्रतिशत गिर गया। चीन का शंघाई कंपोजिट लगभग स्थिर रहा। यूरोपीय बाजारों में मिश्रित रुख रहा। ब्रिटेन का एफ.टी.एस.ई. 0.31 प्रतिशत तेजी में रहा। बी.एस.ई. की मंझौली तथा छोटी कंपनियों में भी लिवाली हुई।

 

मिडकैप 0.49 फीसदी चढ़कर 13,064.33 अंक पर तथा स्मॉलकैप 0.09 प्रतिशत मजबूत होकर 12,498.81 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान बी.एस.ई. में कुल 2,887 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें से 1,216 के शेयर चढ़कर तथा 1,465 के शेयर गिरकर बंद हुए। 206 कंपनियों के शेयर अपरिवर्तित रहे। 

 

सैंसेक्स पिछले दिवस के 27,782.25 अंक के मुकाबले करीब 45 अंक चढ़कर 27,827.26 अंक पर खुला। एशियाई बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के दबाव में गिरकर यह थोड़ी देर बाद ही दिवस के न्यूनतम स्तर 27,698.71 अंक पर आ गया। वहीं, विभिन्न समूहों की कंपनियों में हुई लिवाली के दम पर सह संभला और आखिरी कारोबारी घंटे में 27,952.85 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर को छूता हुआ अंतत: पिछले दिवस के मुकाबले 120.41 अंक मजबूत रहकर 27,902.66 अंक पर बंद हुआ। 

 

निफ्टी भी पिछले दिवस के 8,572.55 अंक के मुकाबले बढ़कर हरे निशान में 8,583.75 अंक पर खुला और कुछ देर बाद ही गिरकर 8,543.75 अंक के दिवस के निचले स्तर पर आ गया। बाद में यह मजबूत हुआ और 8,622 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर को छूता हुआ 34.90 अंक की तेजी के साथ 8,600 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 8,607.45 अंक पर बंद हुआ।

 

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, ऑटो एवं इंडस्ट्रियल्स समेत विभिन्न समूहों की कंपनियों में लिवाली का जोर रहने से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी रही। हालांकि घरेलू बाजार पर अमेरिका में सितंबर में ब्याज दर बढऩे की उम्मीद बलवती होने तथा वैश्विक बाजारों के नकारात्मक संकेतों का दबाव भी रहा। 

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