देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक को SEBI की चेतावनी, जानिए क्या है मामला

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 10:40 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः शेयर मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने आईसीआईसी बैंक (ICICI Bank) को चेतावनी दी है। यह चेतावनी बैंक को अपनी ब्रोकिंग यूनिट ICICI सिक्योरिटीज के शेयरों की डिलिस्टिंग मामले में जारी की गई है। सेबी ने कहा है कि डीलिस्टिंग को लेकर आईसीआईसीआई बैंक का आउटरीच प्रोग्राम सही नहीं था। निवेशकों की शिकायतों की जांच के आधार पर यह पाया गया कि आईसीआईसीआई बैंक के कुछ अधिकारी बार-बार फोन करके शेयरधारकों से वोटिंग के स्क्रीनशॉट आदि मांग रहे थे। शेयरधारकों का आरोप है कि उन्हें डीलिस्टिंग योजना के पक्ष में मतदान करने के लिए कई कॉल और मैसेज मिले। सेबी ने आईसीआईसीआई बैंक ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही नियामक ने बैंक से बोर्ड को एक्शन टेकन रिपोर्ट देने और बोर्ड में हुई चर्चाओं के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।

सेबी ने आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ संदीप बख्शी को 6 जून के भेजे एक पत्र में यह चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी I-Sec के इक्विटी शेयरों की डीलिस्टिंग से संबंधित बैंक के आउटरीच कार्यक्रम की जांच के बाद जारी की गई है। इसमें आईसीआईसीआई बैंक से अपने अनुपालन मानकों को बढ़ाने और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने की मांग की गई है। सेबी का पत्र ट्रेडिंग आवर्स के बाद स्टॉक एक्सचेंजों के साथ शेयर किया गया। गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक के शेयर मामूली बढ़त के साथ 1,110 रुपए पर बंद हुए थे। आई-सेक शेयरधारकों की कई शिकायतों के बाद जांच शुरू की गई। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों ने शेयरधारकों को डीलिस्टिंग योजना के पक्ष में वोट करने के लिए कई कॉल और संदेश भेजे थे।

डीलिस्टिंग की योजना

छ शेयरधारकों से उनके वोट के स्क्रीनशॉट भी मांगे गए थे। सेबी ने जांच में पाया कि आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी वास्तव में केवल आउटरीच कार्यक्रम से आगे बढ़ गए थे। आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य शेयरधारकों की भागीदारी को अधिकतम करना था लेकिन बैंक के अधिकारी अपनी हद से आगे निकल गए थे। इसमें शेयरधारकों से बार-बार कॉल और वोटिंग स्क्रीनशॉट के लिए अनुरोध करना शामिल था। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों को शेयरधारकों को यह सूचित करते हुए रिकॉर्ड किया गया कि डीलिस्टिंग योजना का विकल्प चुनना फायदेमंद होगा। यह हितों के टकराव का भी मामला था क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक के पास आई-सेक में 74% से अधिक शेयरहोल्डिंग है।

मार्च 2024 तक, आईसीआईसीआई बैंक के पास I-Sec में 74.7% हिस्सेदारी थी जबकि पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 25.3% स्वामित्व था। खुदरा निवेशकों के एक वर्ग के प्रतिरोध के बावजूद, प्रस्ताव को संस्थागत शेयरधारकों से महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ। 72% पब्लिक शेयरहोल्डर्स ने प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया और यह आवश्यक दो-तिहाई बहुमत से अधिक हो गया। आई-सेक का आईपीओ 2018 में आया था। निजी सेक्टर के बड़े बैंकों में शामिल आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी ब्रोकिंग यूनिट आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने और बैंक में इसका मर्जर करने की योजना बनाई है। बैंक की योजना के मुताबिक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरहोल्डर्स को हर 100 शेयरों पर बैंक को 67 शेयर मिलेंगे।


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Content Writer

jyoti choudhary

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