को-लोकेशन मामला: सेबी ने OPG सिक्योरिटीज सहित तीन शेयर ब्रोकरों के खिलाफ आदेश में ढील दी

punjabkesari.in Saturday, May 04, 2019 - 10:45 AM (IST)

नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को को-लोकेशन मामले में ओपीजी सिक्योरिटीज सहित तीन शेयर ब्रोकरों को थोड़ी राहत दी है। सेबी ने स्टॉक ब्रोकरो को वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) तथा मुद्रा डेरिवेटिव श्रेणी में बकाया पड़े सौदों का निपटान करने के लिए दो महीने की मोहलत दी है। सेबी ने ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, वे2वेल्थ ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड और जीकेएन सिक्योरिटीज के मामलों में यह ढील दी है। 

सेबी ने मंगलवार को ओपीजी सिक्योरिटीज और उसके तीन निदेशकों को पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से रोक दिया था और उन्हें अनुचित लाभ के 15.57 करोड़ रुपए 12 प्रतिशत के वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। वहीं वे2वेल्थ और जीकेएन सिक्योरिटीज को किसी भी शेयर बाजार में कारोबार से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। सेबी ने कंपनी पर यह जुर्माना एनएसई की को-लोकेशन सुविधा के तहत द्वितीयक सर्वर से जुड़े होने के कारण लगाया। इससे ओजीपी सिक्यारिटीज दूसरे कारोबारी सदस्यों के मुकाबले अनुचित रूप से लाभ की स्थिति में थी। सेबी ने कहा कि द्वितीयक सर्वर से उसके जुड़े होने के पीछे कोई वैद्य वजह नहीं थी। 

नियामक ने कहा कि 30 अप्रैल, 2019 के कारोबार की समाप्ति तक ओपीजी सिक्योरिटीज के पास वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) और मुद्रा डेरिवेटिव श्रेणी में निपटान के लिए सौदे लंबित हैं। इन सौदों का निपटान किया जाना जरूरी है। सेबी ने कहा कि ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के वायदा एवं विकल्प और मुद्रा डेरिवेटिव्स श्रेणी में सौदों का निपटान नहीं हुआ है। इन सौदों को बंद करने के लिए जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है, उन्हें सीमित समय के लिए अंतिम आदेश से छूट दी जा रही है। यह छूट संबंधित अनुबंधों की समाप्ति की तिथि से पहले या फिर 30 अप्रैल 2019 से दो माह के लिए होगी। इनमें जो भी पहले होगा उसमें यह छूट समाप्त हो जाएगी।" सेबी ने जिन्हें प्रतिबंधित किया है, उनमें ओपीजी सिक्योरिटीज और उसके निदेशक संजय गुप्ता, संगीता गुप्ता और ओम प्रकाश गुप्ता शामिल हैं। सेबी ने कहा है कि यह छूट कुछ शर्तों के तहत दी गई है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News