SC का सुब्रत रॉय को राहत देने से इनकार, नहीं बढ़ाई जाएगी पैसे जमा कराने की तारीख

punjabkesari.in Thursday, Apr 06, 2017 - 01:53 PM (IST)

नई दिल्लीः सेबी-सहारा मामले में सुप्रीम कोर्ट से सुब्रत रॉय को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने पैसे डिपॉजिट कराने की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने आपको पहले ही काफी समय दिया हुआ है। अब पैसे जमा कराने की तारीख को नहीं बढ़ाएंगे। सहारा ने सुप्रीम कोर्ट से 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा अकाउंट में 5092 करोड़ रुपए जमा कराने की तारीख और बढ़ाने की मांग की थी। सहारा ने कोर्ट में कहा कि प्रॉपर्टी की बिक्री की प्रकिया चल रही है लेकिन पैसे जमा कराने के लिए और समय दिया जाए।

अगली सुनवाई 17 अप्रैल को 
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को नॉन डिस्पुटेड एसेट्स को बेचकर 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा अकाऊंट में 5092 करोड़ रुपए जमा करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट 17 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुब्रत राय और समूह के दो अन्य डायरेक्टर के पैरोल बढ़ाने पर तभी विचार किया जाएगा, जब 13 अप्रैल तक तय पैसे सेबी-सहारा अकाऊंट में जमा हो जाए।

13 अप्रैल तक रकम जमा कराने को कहा
शीर्ष कोर्ट ने सहारा प्रमुख की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल के उस आग्रह को ठुकरा दिया कि एसेट्स को बेचने और अकाऊंट में पैसे डिपॉजिट करने के लिए कम से कम छह महीने का वक्त दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की ओर से सौंपी गई 15 संपत्तियों की लिस्ट में से 13 संपत्तियों को बेचने की अनुमति देते हुए 13 अप्रैल तक रकम सेबी-सहारा के खाते में जमा करने के लिए कहा है।

संपत्तियों की बिक्री की ई-नीलामी करने का सुझाव
सहारा समूह ने पीठ को यह भी बताया था कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने उसकी 91.69 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर रखा है और मुआवजे की 1120.7 करोड़ रुपए की रकम अभी अधर में है। इस पर पीठ ने प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है। वहीं एक कंपनी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि वह न्‍यूयॉर्क स्थित प्लाजा होटल में सहारा समूह की हिस्सेदारी को खरीदने के लिए इच्छुक है। इस पर पीठ ने कंपनी से कहा कि वह पहले 750 करोड़ रुपए जमा करें। इसी सुनवाई के दौरान सेबी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविन्द दत्तार ने सहारा की संपत्तियों की बिक्री की ई-नीलामी करने का सुझाव दिया।


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